जेट स्ट्रीम से आप क्या समझते हैं? जेट स्ट्रीम के स्थानीय तथा प्रादेशिक मौसम पर पड़ने वाले प्रभावों की विवेचना कीजिये।
11 Mar, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोलउत्तर की रूपरेखा :
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क्षोभमंडल की ऊपरी सीमा में सैकड़ों किलोमीटर की चौड़ी पट्टी में पश्चिम से पूर्व दिशा में प्रवाहित होने वाली लहरदार पवनों को जेट स्ट्रीम कहा जाता है। ऊपरी वायुमंडल में पश्चिम से पूर्व दिशा में जेट स्ट्रीम का परिसंचरण दोनों गोलार्धों में 20° अक्षांश से ध्रुवों के मध्य 7.5 से 14 किमी. की ऊँचाई के बीच होता है।
ग्रीष्मकाल में जेट स्ट्रीम का विस्तार कम हो जाता है तथा यह उत्तर की ओर खिसक जाता है, जबकि शीतलकाल में इसका अधिकतम विस्तार होता है तथा यह 20° अक्षांश तक पहुँच जाता है।
जेट स्ट्रीक के कारण स्थानीय तथा प्रादेशिक मौसम पर पर्याप्त प्रभाव पड़ता है-
जेट स्ट्रीम में वायु का लंबवत संचार दो रूपों में होता है। चक्रवातों में हवा ऊपर उठती है तथा प्रति चक्रवातीय वायु प्रणाली में हवा नीचे बैठती है। इस तरह उच्चतलीय हवा में उपरिमुखी एवं अधोमुखी संचरण होने से क्षोभमंडल एवं समताप मंडल में हवाओं में तेजी से मिश्रण होता है, जिस कारण मानव जनित प्रदूषकों का क्षोभमंडल से समतापमंडल में परिवहन कर दिया जाता है। उदाहरण के लिये ओजोन परत को नष्ट करने वाले क्लोरोफ्लोरो कार्बन का परिवहन जब समताप के निचले भाग में हो जाता है तो वहाँ पर ओजोन क्षरण प्रारंभ हो जाता है। जिसके कारण भूमंडलीय ताप में वृद्धि होने की संभावना रहती है।