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प्रश्न :
सी.एस.आई.आर. का इनडिजेन प्रोजेक्ट क्या है? स्वास्थ्य क्षेत्र में इसके संभावित लाभों का समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये। (150 शब्द)
22 Jun, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 3 विज्ञान-प्रौद्योगिकीउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- सी.एस.आई.आर. के इनडिजेन प्रोजेक्ट का संक्षिप्त परिचय दीजिये।
- स्वास्थ्य क्षेत्र में इसकी बढ़ती क्षमता का मूल्यांकन कीजिये।
- इसमें शामिल नैतिक चुनौतियों की चर्चा करते हुए निष्कर्ष दीजिये।
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद द्वारा इनडिजेन (Indigen) पहल की शुरुआत भारत के विविध जातीय समूहों का समग्र जीनोम अनुक्रमण करने के उद्देश्य से की गई थी। इस प्रोजेक्ट के तहत देश भर में रहने वाले अलग-अलग जातीय समूहों के 1008 लोगों का जीनोम अनुक्रमण किया गया। यह प्रोजेक्ट भारतीयों के जीनोम डाटा का संग्रहण कर उसका प्रयोग स्वास्थ्य संबंधी अन्वेषणों व चिकित्सा पद्धतियों को बेहतर बनाने हेतु सहायक होगा।
यह परियोजना स्वास्थ्य क्षेत्र में निम्नलिखित रूप में महत्त्वपूर्ण है-
- आइडेंटिकल ट्विंस को छोड़कर लगभग सभी व्यक्तियों के जीनोमिक डी.एन.ए. अनुक्रमों में पर्याप्त भिन्नता होती है। यद्यपि एक ही नृजातीय समूह के लोगों के जीनोम में अधिक समानता होती है। इन्हीं जीनोमिक समानताओं के आधार पर इनमें विद्यमान आनुवंशिक रोगों की प्रवणता की जाँच की जा सकती है।
- समग्र जीनोमिक डाटा का प्रयोग बेसलाइन डाटा के निर्माण में किया जाएगा जो कि उभरते चिकित्सा क्षेत्र की स्वदेशी क्षमता निर्माण के लिये अत्यधिक महत्त्वपूर्ण साबित होगा।
- इसके माध्यम से उपचारात्मक एवं एहतियाती चिकित्सा के स्थान पर प्रिडिक्टिव चिकित्सा पर बल दिया जा सकता है जो कि किसी व्यक्ति या नृजातीय समूह में भविष्य में होने वाले रोगों की रोकथाम में सहायक होगा। वस्तुत: अधिकांश गैर-संचारी रोग, जैसे- मानसिक मंदता, कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, न्यूरोमस्कुलर डिसऑर्डर तथा हीमोग्लोबिनोपैथी आदि कार्यात्मक जीन में असामान्य डी.एन.ए. उत्परिवर्तन के कारण होते हैं। जीनोम अनुक्रमण के माध्यम से इनके लिये उत्तरदायी रोगों का पता लगाया जा सकता है तथा इनका स्थायी उपचार खोजा जा सकता है।
- बच्चे के जन्म से पूर्व ही उसमें उत्पन्न होने वाली बीमारियों के जीन का पता लगाकर उसका उचित उपचार किया जा सकता है। यदि बीमारी असाध्य है तो उस स्थिति में भ्रूण को समाप्त किया जा सकता है।
उपर्युक्त लाभों के बावजूद जीनोम अनुक्रमण प्राकृतिक जीनोम अवसंरचना में हस्तक्षेप करता है तथा यह डिजाइनर बेबी की संकल्पना को बल देता है तथा ऐसी चिंताएँ भी व्यक्त की जा रही हैं कि बीमा कंपनियाँ व चिकित्सा फर्म जीनोमिक आँकड़ों का दुरुपयोग करेंगी जो कि विभिन्न जातीय समूहों में नस्लीय भेद को बढ़ावा दे सकती है। हालाँकि जीनोमिक डाटा का नियंत्रित व मानवता की भलाई के लिये उपयोग सुनिश्चित कर इस परियोजना के उद्देश्यों की पूर्ति की जा सकती है।
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