नागरिक घोषणा-पत्र का प्राथमिक रुझान लोक सेवाओं को आपूर्ति-संचालित बनाने के बजाय माँग-संचालित बनाकर नागरिक केंद्रित बनाना है। एक संगठन को प्रभावी प्रशासन के लिये नागरिक घोषणा-पत्र का उपयोग कैसे करना चाहिये? (150 शब्द)
17 Jun, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न
हल करने का दृष्टिकोण:
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नागरिक घोषणा-पत्र एक ऐसा दस्तावेज़ है जिसका उद्देश्य मूल रूप से किसी भी संगठन को पारदर्शी, जवाबदेह एवं नागरिक उन्मुख बनाना है। इसका प्रमुख उद्देश्य लोक सेवा के संदर्भ में लोगों को सशक्त बनाना है जिसके मूलत: छ: सिद्धांत हैं-
एक संगठन का शिकायत निवारण तंत्र उसकी दक्षता और प्रभावशीलता को मापने का एक साधन है क्योंकि यह किसी संगठन में कार्य करने पर महत्त्वपूर्ण फीडबैक प्रदान करता है। नागरिक घोषणा-पत्र लोक सेवाओं के प्रतिपादन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो कि लोक सेवाओं को आपूर्ति-संचालित के स्थान पर मांग-संचालित बनाता है। यह सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों तथा उपलब्धियों की सूचनाओं को प्रसारित करने में सहायता करता है तथा संगठन के विभिन्न कार्यों संबंधी सटीक जानकारी उपलब्ध कराने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है,साथ ही जनता के लिये सूचना का मुक्त प्रवाह सुनिश्चित करते हुए प्रेस व मीडिया की स्वतंत्रता की सुरक्षा को सुनिश्चित करता है।
प्रभावी प्रशासन के लिये नागरिक घोषणा-पत्र का महत्त्व
नागरिक घोषणा-पत्र सुशासन एवं सेवा वितरण मानकों को बनाए रखने के लिये एक प्रमुख उपकरण है किंतु कई प्रयासों के बावजूद नागरिक घोषणा-पत्र के प्रभावी क्रियान्वयन के मार्ग में अभी भी समस्याएँ बनी हुई हैं, जिनमें नागरिकों की अपेक्षाओं के अनुरूप सेवा वितरण न हो पाना, भ्रष्टाचार का अत्यधिक गहरा होना, पारदर्शिता एवं जवाबदेहिता की कमी आदि प्रमुख हैं। इन समस्याओं का प्रभावी समाधान सुनिश्चित करने के लिये सभी हितधारकों के बीच जागरूकता का प्रसार कर, निगरानी एवं आवधिक समीक्षा कर सभी के लिये सुशासन की स्थापना करनी चाहिये।