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प्रश्न :
भारत की आंतरिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, सीमा पार से होने वाले साइबर हमलों के प्रभाव का विश्लेषण कीजिये। साथ ही, इन परिष्कृत हमलों के विरुद्ध रक्षात्मक उपायों की चर्चा कीजिये। (150 शब्द)
01 Jun, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थाउत्तर :
व्यक्ति या संगठित समूह द्वारा साइबर स्पेस का उपयोग कर अपराध करना साइबर हमला कहलाता है। इस प्रकार गुमनाम और सीमाहीन हमले अपराधियों की ट्रैकिंग को कठिन और साइबर सुरक्षा को राष्ट्रीय सुरक्षा का जटिल मुद्दा बना देते हैं।
सीमा पार साइबर हमलों का प्रयोग सूचना और अवसंरचना (विद्युत योजना, परमाणु संयंत्र, दूरसंचार आदि) को क्षति पहुँचाने एवं आतंकवाद के मौजूदा रूपों से जुड़कर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने हेतु किया जाता है। आतंकवादी सोशल मीडिया का उपयोग आतंकवादी हमलों की योजना बनाने, और उन्हें अंजाम देने, हिंसा को भड़काने, कटेरता के माध्यम से सामाजिक सद्भाव को बाधित करने, युवाओं की भर्ती करने और धन जुटाने आदि के लिये कर सकते हैं। इसके अलावा संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने के लिये इसे स्पाइवेयर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
परिष्कृत साइबर हमलों के विरुद्ध रक्षात्मक उपाय निम्नलिखित हैं :
- इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम (CERT-In) विभिन्न संबंधित एजेंसियों को नियमित आधार पर नवीनतम साइबर खतरों और जवाबी उपायों के बारे में अलर्ट एवं सलाह जारी करता है।
- राष्ट्रीय महत्त्वपूर्ण सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र (NCIIPC) अपने अधिदेश के माध्यम से अनुसंधान एवं विकास संबंधी उपायों तथा समीक्षात्मक सूचना संरचना के संरक्षण के लिये उत्तरदायी है।
- साइबर स्वच्छता केंद्र/Botnet Cleaning and Malware Analysis Centre (BCMAC) दुर्भावनापूर्ण हमलों का पता लगाने और उन्हें हटाने हेतु मुफ्त सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराता है।
- भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) साइबर अपराधों की शिकायतों को दर्ज करने हेतु पीड़ितों को एक सार्वजनिक मंच उपलब्ध कराएगा। साथ ही RBI का साइबर सुरक्षा सेल बैंकिंग और वित्तीय संस्थानों में साइबर सुरक्षा के खतरों की निगरानी भी करता है।
- इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 कंप्यूटर प्रणालियों, कंप्यूटर नेटवर्क एवं उनके डाटा के प्रयोग को नियंत्रित करता है।
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