सहानुभूति, समानुभूति एवं करुणा के मध्य मुख्य अंतर क्या है? नेतृत्व क्षमता के विकास में समानुभूति की भूमिका पर प्रकाश डालिये। (150 शब्द)
उत्तर :
सहानुभूति: सहानुभूति वह मन:स्थिति है जहाँ व्यक्ति दूसरे की पीड़ा को महसूस करता है तथा चाहता है कि उसकी पीड़ा समाप्त हो जाए। इस स्थिति में व्यक्ति किसी अन्य के दु:ख का दया से बढ़कर चिंता के स्तर तक की अनुभूति करता है किंतु ‘स्व’ और ‘पर’ का अंतर बना रहता है।
समानुभूति: समानुभूति व्यक्ति की उस मन:स्थिति को कहते हैं जहाँ व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति, प्राणी या काल्पनिक चरित्र की मन:स्थिति को सटीकता से समझने तथा उसके निराकरण हेतु तत्पर रहता है जहाँ ‘स्व’ और ‘पर’ का अंतर समाप्त हो जाता है।
करुणा: करुणा किसी व्यक्ति की वह मन:स्थिति है जहाँ व्यक्ति किसी कमज़ोर व्यक्ति या प्राणी की दयनीय स्थिति को समझकर उसके प्रति समानुभूतिक चिंता रखता है तथा यह संवेदनशीलता की वह स्थिति है जहाँ व्यक्ति दूसरे के दु:ख को महसूस कर उसे उस दु:ख से निकालने हेतु प्रेरित रहता है। यह विश्व में परोपकार की भावना का मूल तत्त्व है।
उपर्युक्त तीनों पदों में मुख्य अंतर निम्नलिखित हैं-
- सहानुभूति एवं समानुभूति दोनों ही भावनात्मक स्थिति हैं किंतु सहानुभूति में व्यक्ति दूसरे की भावनाओं को महसूस करता है और उसके लिये दु:खी होता है व उसके दु:खों की समाप्ति भी चाहता है किंतु उसकी मन:स्थिति को सटीकता से नहीं समझ पाता, जबकि समानुभूति में आप स्वयं को दूसरे व्यक्ति की जगह रखकर दूसरे की भावनाओं की तीव्रता को सटीकता से समझते हैं।
- एक अच्छा नेता जन-कल्याण की भावना रखता है, उसके फैसले लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से प्रेरित होने चाहियें। इस प्रकार समानुभूति एक दयालु एवं कल्याणपरक दृष्टिकोण के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उदाहरणस्वरूप- एक लोक सेवक को उन महिलाओं के प्रति समानुभूति रखनी चाहिये जो कि पेय जल संचय करती हैं ताकि इसके लिये उचित व्यवस्था की जा सके।
- समानुभूति विविध विचारों की स्वीकार्यता को बढ़ावा देती है तथा विभिन्न संस्कृतियों में कार्य करने वाले नेताओं की लोगों को समझने में सहायता करती है।
- समानुभूति नेताओं को यह समझने में मदद करती है कि उनके निर्देशों का अधीनस्थों एवं जनता पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
- करुणा में व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के दु:ख को कम करने की सक्रिय इच्छा रखता है।
- सहानुभूति किसी व्यक्ति की पीड़ा का संकेतक है जिसमें आप मानते हैं कि पीड़ित व्यक्ति इस पीड़ा का भागी नहीं होना चाहिये, किंतु आप उसकी पीड़ा कम करने के संदर्भ में भी शक्तिहीनता की स्थिति में होते हैं।
- समानुभूति एक कुशल अनुक्रिया है, जबकि सहानुभूति प्रतिक्रियात्मक अनुक्रिया है। यही कारण है कि समानुभूति की क्षमता का विकास लोक सेवा हेतु एक यथार्थवादी लक्ष्य है।
नेतृत्व क्षमता के विकास में समानुभूति की भूमिका:
- समानुभूति व्यक्ति को अधिक धैर्यवान बनाती है तथा उसके स्वभाव को अधिक उदार बनाती है। उदाहरणस्वरूप-जब कोई अधिकारी निरीक्षण का कार्य कर रहा होता है तो किसी निष्कर्ष पर पहुँचने से पूर्व उसे लोगों की समस्याओं को सुनकर उन्हें समझने की आवश्यकता होती है।
- एक विविधतापूर्ण देश में जहाँ बहुत से लोग गरीबी से जूझ रहे हैं वहाँ समानुभूति सिविल सेवकों को समर्पण के साथ कार्य करने में सक्षम बनाती है। उदाहरण के रूप में आई.ए.एस. अधिकारी आर्मस्ट्रांग पाम ने सरकारी सहायता के बिना सोशल मीडिया की सहायता से 40 लाख रुपए जुटाए। ऐसा उन्होंने उन लोगों के प्रति समानुभूतिवश किया जिनके गाँव तक जाने के लिये कोई सड़क संपर्क नहीं था।