शैल चक्र से आप क्या समझते हैं? उदाहरण सहित स्पष्ट करें।
20 Mar, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोलशैल चक्र का संबंध चट्टानों के स्वरूपीय परिवर्तन से है। शैलें अपने मूल रूप में अधिक समय तक नहीं रहती हैं, बल्कि इनमें परिवर्तन होता रहता है। शैल चक्र एक सतत् प्रक्रिया है, जिसमें पुरानी शैलें परिवर्तित होकर नवीन रूप लेती हैं।
आग्नेय शैलें प्राथमिक शैलें हैं तथा अन्य (अवसादी एवं कायांतरित) शैलें इन प्राथमिक शैलों से निर्मित होती हैं। आग्नेय शैलों के अनाच्छादन के फलस्वरूप अवसादी शैलों का तथा अत्यधिक ताप व दाब के फलस्वरूप कायांतरित शैलों का निर्माण होता है।
आग्नेय एवं कायांतरित शैलों से प्राप्त अंशों से अवसादी शैलों का निर्माण होता है। अवसादी शैलें अपखंडों में परिवर्तित हो सकती हैं तथा ये अपखंड अवसादी शैलों के निर्माण का एक स्रोत हो सकते हैं। निर्मित भूपृष्ठीय शैलें (आग्नेय, कायांतरित एवं अवसादी) प्रत्यावर्तन के द्वारा पृथ्वी के आंतरिक भाग में नीचे की ओर जा सकती हैं तथा पृथ्वी के आंतरिक भाग में तापमान बढ़ने के कारण ये शैलें पिघलकर मैग्मा में परिवर्तित हो जाते हैं। यही मैग्मा सभी शैलों का मूल स्रोत हैं।