भारत के 14वें वित्त आयोग की संस्तुतियों ने राज्यों को अपनी राजकोषीय स्थिति सुधारने में कैसे सक्षम किया है? (उत्तर 150 शब्दों में दीजिये।)
10 May, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्थासंविधान के अनुच्छेद-280 के अंतर्गत यह प्रावधान किया गया है कि संविधान के प्रारंभ से दो वर्ष के भीतर और उसके बाद प्रत्येक पाँच वर्ष की समाप्ति पर या पहले उस समय पर, जिसे राष्ट्रपति आवश्यक समझते हैं, एक वित्त आयोग का गठन किया जाएगा। रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर डॉ. वाई.वी. रेडन्न्ी की अध्यक्षता वाले 14वें वित्त आयोग को 1 अप्रैल, 2015 से शुरू होने वाले पाँच वर्षों की अवधि को कवर करने वाली सिफारिशें देने के लिये 2013 में गठित किया गया था। 14वें वित्त आयोग ने 2014 मेें अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था। 14वें वित्त आयोग की सिफारिशें वित्तीय वर्ष 2019-20 तक के लिये वैध थीं।
14वें वित्त आयोग की संस्तुतियों ने राज्यों को अपनी राजकोषीय स्थिति सुधारने हेतु सक्षम करने में काफी सहायता की। इस संदर्भ में 14वें वित्त आयोग के योगदान को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है:
14वें वित्त आयोग की संस्तुतियों ने निश्चित ही राज्यों की राजकोषीय स्थिति को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। हालाँकि यह ध्यान रखा जाना भी अनिवार्य है कि भारत की राजकोषीय व्यवस्था अभी भी GST के माध्यम से हुए एक बड़े व्यवस्था परिवर्तन के साथ समायोजित होने की प्रक्रिया में है। ऐसे में आगे के वित्त आयोगों द्वारा भी राज्यों पर विशिष्ट ध्यान देते हुए भारत की राजकोषीय संघवाद की भावना के अनुरूप अनुशंसाएँ दी जानी चाहियें।