भारतीय समाज पर निम्नलिखित के प्रभाव की चर्चा कीजिये: (250 शब्द)
(a) संस्कृतिकरण (b) पश्चिमीकरण (c) आधुनिकीकरण
02 May, 2022
सामान्य अध्ययन पेपर 1 भारतीय समाज
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
उल्लेखित पदों की व्याख्या कीजिये।
बताएँ कि इन पदों ने भारतीय समाज को किस प्रकार प्रभावित किया है।
संस्कृतिकरण:
संस्कृतिकरण एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से निम्न जातियाँ, उच्च जातियों के रीति-रिवाजों एवं रस्मों का अनुकरण करके सामाजिक गतिशीलता को प्राप्त करने का प्रयास करती हैं। यह एक सांस्कृतिक प्रक्रिया है, परंतु संस्कृतिकरण के संबंध में लाई गई ऊर्ध्व गतिशीलता के परिणामस्वरूप सामाजिक स्थिति तथा व्यवसायों में परिवर्तन भी इसे एक संरचनात्मक प्रक्रिया बनाता है।
यह ‘उच्च जाति’ के तौर-तरीकों को श्रेष्ठ और ‘निम्न जाति’ को हीन मानता है। इसलिये ‘उच्च जाति’ की नकल करने की इच्छा को स्वाभाविक एवं वांछनीय माना जाता है।
यह एक मॉडल को सही ठहराता है जो असमानता और बहिष्कार पर आधारित है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह प्रदूषण की अवधारणा में विश्वास करना और लोगों के समूहों की पवित्रता का सुझाव देता है।
इसके परिणामस्वरूप उच्च जाति के संस्कारों और रीति-रिवाजों को अपनाया जाता है जो लड़कियों और महिलाओं को जन सामान्य से अलग रखने के लिये, दुल्हन-मूल्य प्रथा के बजाय दहेज प्रथा को अपनाने और अन्य समूहों के विरुद्ध जातिगत भेदभाव का अभ्यास करने के लिये प्रेरित करता है।
ऐसी प्रवृत्ति का प्रभाव यह है कि दलित संस्कृति और समाज की आधारभूत विशेषताएँ समाप्त हो जाती हैं। उदाहरण के लिये, निम्न जाति वर्ग द्वारा किये गए श्रम को कम आंका जाता है और इसे तुच्छ रूप में संदर्भित किया जाता है।
पश्चिमीकरण:
पश्चिम देशों के साथ, विशेष रूप से इंग्लैंड के साथ संपर्क भारत में रूपांतरण/परिवर्तन की एक और प्रक्रिया को गति प्रदान करता है, जिसे पश्चिमीकरण कहा जाता है। यह अंग्रेज़ी भाषा के माध्यम से प्रशासन, कानूनी प्रणाली एवं शिक्षा के पश्चिमी पद्धति को दर्शाता है।
जीवन के पश्चिमी पद्धति के प्रभाव के अंतर्गत शिक्षित एवं शहरी भारतीयों के एक बड़े समूह ने पोशाक, भोजन, पेय, भाषण और रीति की पश्चिमी शैली को अपनाया है।
पश्चिमी पद्धति का अनुकरण, पश्चिमी लोकतंत्र, औद्योगीकरण तथा पूंजीवाद के मूल्यों को विकसित किया।
पश्चिमीकरण के सांस्कृतिक और सांस्कृतिक पहलू भी हैं। इसने आधुनिक शिक्षा, अर्थव्यवस्था और उद्योग से संबंधित आधुनिक व्यवसायों की वृद्धि द्वारा संरचनात्मक परिवर्तन लाए।
आधुनिकीकरण:
आधुनिकीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा समाज में आधुनिक वैज्ञानिक ज्ञान का परिचय दिया जाता है, जिसका अंतिम उद्देश्य संबंधित समाज द्वारा स्वीकार किये गए पद के व्यापक अर्थ में बेहतर एवं अधिक संतोषजनक जीवन प्राप्त करना है।
इसने सामाजिक संस्थाओं जैसे विवाह, परिवार, जाति आदि में संरचनात्मक परिवर्तन किये हैं। संयुक्त परिवारों की अवधारणा तेज़ी से कम हो रही है, हर कोई दूसरों से अलग रहना चाहता है।
कुछ विलक्षण परिवर्तन होते हैं जैसे कि सांस्कृतिक लक्षणों, व्यवहार पद्धति, मूल्यों में कमी आदि।
पुराने और नए तत्त्वों के संश्लेषण के परिणामस्वरूप नए रूपों का उद्भव। उदाहरण के लिये, संरचना में एकल परिवार परंतु संयुक्त रूप में कार्य करना।
आधुनिकता मानती है कि स्थानीय संबंध तथा दृष्टिकोण सार्वभौमिक प्रतिबद्धताओं एवं महानगरीय दृष्टिकोणों को मार्ग प्रदान करते हैं।
भावनाओं, धार्मिक तथा गैर-तर्कसंगत लोगों के बजाए उपयोगिता, गणना और विज्ञान की सच्चाई को प्राथमिकता देती है।