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प्रश्न :
भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र मादक पदार्थों की तस्करी के पारगमन मार्ग के रूप में किस प्रकार उभर रहा है? इसकी चर्चा करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा एवं स्थानीय जनसंख्या पर इससे पड़ने वाले प्रभावों का भी उल्लेख कीजिये। (150 शब्द)
22 Apr, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 3 आंतरिक सुरक्षाउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- मादक पदार्थों की तस्करी हेतु पूर्वोत्तर राज्यों की भौगोलिक संवेदनशीलता का वर्णन करते हुए परिचय दीजिये।
- ऐसे अवैध नेटवर्क के विकास के कारणों को सूचीबद्ध कीजिये।
- बताइये कि ये नेटवर्क निवासित जनसंख्या और राष्ट्रीय सुरक्षा को किस प्रकार प्रभावित करते हैं।
- क्षेत्र के समग्र विकास को यह नेटवर्क किस प्रकार हानि पहुँचा सकता है, बताते हुए निष्कर्ष लिखिये।
भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र म्याँमार के साथ छिद्रित, अर्द्ध-पहाड़ी और सघन वनों वाली सीमा को साझा करता है, जो लोक-प्रसिद्ध ‘गोल्डन ट्रायंगल’ (स्वर्णिम त्रिभुज) के घटक देशों में से एक है। म्याँमार के अफीम की खेती वाले क्षेत्रों से इस निकटता के कारण मणिपुर, मिज़ोरम और नगालैंड जैसे राज्यों में मादक पदार्थों की तस्करी हेतु पारगमन मार्ग के लिये एक गलियारे का विकास हुआ है।
पूर्वोत्तर में मादक पदार्थों की तस्करी के गलियारों के उद्भव के कारण:
- म्याँमार का विस्तृत क्षेत्र और काचिन राज्य भारतीय पूर्वोत्तर राज्यों के साथ सीमा साझा करते हैं। जहाँ सघन वनस्पति भूस्तरीय व हवाई निगरानी दोनों को प्रतिबंधित करती है।
- सीमावर्ती क्षेत्रों के छोटे गाँवों में आदिवासी समूह निवास करते हैं, जो सीमा के दोनों ओर की आबादी के साथ एक सजातीय संबंध रखते हैं। सीमा पार सजातीय संबंधों ने उग्रवाद और मादक पदार्थों की तस्करी के लिये सुरक्षित ठिकानों के निर्माण में सुविधा प्रदान की है।
- पूर्व में इन पदार्थों को थाईलैंड और सिंगापुर के माध्यम से दक्षिण-पूर्व एशिया के बाज़ारों में पहुँचाया जाता था, किंतु सख्त सतर्कता एवं सीमा प्रतिबंधों ने अपराधियों को पूर्वोत्तर भारत और बांग्लादेश के माध्यम से समान वैकल्पिक मार्गों की तलाश करने के लिये मज़बूर किया है।
- इन कारणों के अतिरिक्त सीमा के दोनों ओर बेरोज़गारी, उग्रवाद और कानून प्रवर्तन की कमी ने भी मादक पदार्थों की तस्करी के नेटवर्क के उभरने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा और स्थानीय जनसंख्या पर इसका प्रभाव:
- पूर्वोत्तर क्षेत्र कई राष्ट्र-विरोधी समूहों से प्रभावित है, जो भारत की क्षेत्रीय संप्रभुता को नुकसान पहुँचाने की योजना बना रहे हैं। तस्करों एवं राष्ट्र-विरोधी समूहों के बीच की मिलीभगत सुरक्षा बलों के लिये स्थिति को और अधिक जटिल बना सकती है।
- इन समूहों ने परंपरागत रूप से अपने वित्तीय संसाधनों को जबरन वसूली, विदेशी निवेश और समानांतर कर संग्रह तंत्र चलाने से प्राप्त किया है। इन गतिविधियों पर सरकार की सख्ती ने उन्हें आर्थिक रूप से क्षीण कर दिया है, लेकिन अब वे हथियारों के आयात और वित्तीय संसाधनों के उत्पादन के लिये मादक पदार्थों के नेटवर्क का लाभ उठा सकते हैं।
- मादक पदार्थों एवं नशीले पदार्थों की सुगम उपलब्धता के परिणामस्वरूप युवाओं में मादक पदार्थों की लत के प्रचलन में वृद्धि आई है। इसके साथ ही इस लत से संबंधित बीमारियों की घटनाओं में भी वृद्धि हुई है।
- भारत के राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) की रिपोर्ट के अनुसार, म्याँमार के साथ सीमा साझा कर रहे भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर (1.15%), मिज़ोरम (0.80%) और नागालैंड (0.78%) में संबंधित बीमारियों के सर्वाधिक प्रसार दर्ज किया है।
भारत के पूर्वोत्तर राज्य सामाजिक रूप से सुभेद्य, आर्थिक रूप से असशक्त, राजनीतिक रूप से संवेदनशील और रणनीतिक रूप से क्षीण बने हुए हैं। विभिन्न नीतिगत उपायों द्वारा भारत सरकार इन असुरक्षाओं को कम करने की कोशिश कर रही है। हालाँकि यदि मादक पदार्थों की तस्करी की समस्या को कठोरता से उन्मूलित नहीं किया गया तो ये वांछित परिणाम देने में विफल हो सकते हैं।
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