“सागरीय निक्षेप किसी देश के खनिज एवं ऊर्जा संसाधन के महत्त्वपूर्ण स्रोत है।” इस कथन का परीक्षण करें?
26 Mar, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोल
उत्तर की रूपरेखा:
|
सागरीय नितल पर मिलने वाले अवसादों के आवरण को सागरीय निक्षेप कहते हैं। ये अवसाद सागर तली पर जमे रहते हैं। इन अवसादों की प्राप्ति चट्टानों पर निरंतर क्रियाशील प्रक्रमों के कारण उनके अपक्षय व अपरदन से प्राप्त होने वाले अवसादों तथा सागरीय जीवों एवं वनस्पतियों के अवशेषों से निर्मित एवं विकसित होती है।
सागरीय निक्षेपों के खनिज महाद्वीपीय मग्न तट, सागरीय मैदान गहरे सागरीय क्षेत्र में पाये जाते हैं। महाद्वीप मग्न तट पर निक्षेपित पदार्थों में जिरकन, मोनाजाइट, गोल्ड प्लेसर, हीरा, प्लेटिनम, गंधक तथा कई प्रकार के निर्माणक पदार्थ, जैसे- रेत, बजरी, बोल्डर पाए जाते हैं। भारत में मोनाजाइट तथा जिरकन के भंडार केरल तट के पास प्लेसर निक्षेप के रूप में पाए जाते हैं। भारत के पास मोनाजाइट का वृहत्तम भंडार है। ऑस्ट्रेलिया के तटीय भागों में रूटाइल खनिज पाया जाता है, यह टिटेनियम ऑक्साइड होता है जिसका उपयोग वेल्डिंग छड़ों की कोटिंग के लिये होता है।
मैग्नेटाइट खनिज का संबंध ज्वालामुखी शैलों से होता है। इस दृष्टिकोण से परिप्रशांत मेखला समृद्ध है। कैसीटराइट एक प्रकार का टिन खनिज है जो ग्रेनाइट शैलों के अपक्षय होने से अलग होता है। थाईलैंड, इंडोनेशिया तथा मलेशिया में इस खनिज के सर्वाधिक भंडार हैं। सोने का जमाव अलास्का, ओरगेन, चिली, दक्षिण अफ्रीका एवं ऑस्ट्रेलिया के मग्नतटों पर पाया जाता है। गहरे सागरीय निक्षेपों में मैंगनीज़ पिंड सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है। प्रशांत एवं हिंद महासागर में इसके पर्याप्त भंडार हैं।
सागर तटीय क्षेत्र में सागरीय जल को वाष्पन बेसिनों में रोककर सौर्य ताप से सुखाकर नमक प्राप्त किया जाता है। भारत के तटीय क्षेत्रों गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु आदि में सागरीय जल से नमक प्राप्त किया जाता है। सागरीय जल में घुले अन्य खनिजों में ब्रोमीन, जस्ता, सोना, यूरेनियम व थोरियम प्रमुख हैं।
सागरीय निक्षेप में अनेक प्रकार के जंक एवं जैविक पदार्थ पाए जाते हैं जिसकी सहायता से उर्वरक बनाये जाते हैं।
यूरेनियम, थोरियम, मोनोजाइट, जिरकन आदि भवष्यि की स्वच्छ ऊर्जा के स्रोत हैं। केरल के तट पर थोरियम सर्वाधिक मात्र में पाया जाता है किंतु तकनीकी अभाव के कारण वर्तमान में थोरियम से परमाणु ऊर्जा को बनाने का कार्य अभी प्रायोगिक स्तर पर है।
उपरोक्त विवरण से स्पष्ट है कि सागरीय निक्षेप खनिज संसाधन व ऊर्जा की आवश्यकता की पूर्ति के लिये महत्त्वपूर्ण है।