प्रश्न. भारत में न्यायालय की अवमानना का वैधानिक आधार क्या है? आप कहाँ तक सहमत हैं कि न्यायिक संस्थाओं को सुरक्षा की आवश्यकता है? (150 शब्द)
05 Apr, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था
हल करने का दृष्टिकोण:
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न्यायालय की अवमानना, न्यायिक संस्थानों को प्रेरित आक्षेपों और अनुचित आलोचना से बचाने और इसके प्राधिकार को न्यून करने वालों को दंडित करने के लिये एक कानूनी तंत्र की अवधारणा से संबंधित है। न्यायालय की अवमानना की अवधारणा कई सदियों पुरानी है। यह इंग्लैंड में अस्तित्व में आई, जहाँ राजा की न्यायिक शत्तियों की रक्षा करने के सिद्धांत का एक सामान्य कानून प्रचलित था।
भारत में जब संविधान को लागू किया गया तो न्यायालय की अवमानना ने वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके अलावा संविधान के अनुच्छेद 129 ने सर्वोच्च न्यायालय को खुद की अवमानना के लिये दंडित करने की शक्ति प्रदान की। अनुच्छेद 215 ने इसी प्रकार की शक्तियाँ उच्च न्यायालयों को भी दी हैं। न्यायालय की अवमानना अधिनियम, 1971 न्यायालय की अवमानना की अवधारणा को वैधानिक समर्थन देता है।
कानून अवमानना को सिविल और आपराधिक रूप में वर्गीकृत करता है। सिविल अवमानना उसे माना जाता है जब कोई व्यक्ति न्यायालय के आदेश की अवहेलना या न्यायालय को दिये वचन का उल्लंघन जान-बूझ कर करता है, यह काफी सरल है। वहीं आपराधिक अवमानना काफी जटिल है। इसमें तीन माध्यम - (अ) शब्द (लिखित या कहे गए), संकेत और कार्य, जो किसी न्यायालय पर कलंक लगाते हैं या लगाने का प्रयास करते हैं अथवा न्यायालय के प्राधिकार को न्यून करते हैं या करने का प्रयास करते हैं; (ब) किसी भी न्यायिक कार्यवाही के प्रति पूर्वाग्रह या उसमें हस्तक्षेप; और (स) न्यायिक प्रशासन में हस्तक्षेप अथवा व्यवधान उत्पन्न करना सम्मिलित हैं।
न्यायालय की अवमानना के पक्ष में तर्क:
हालाँकि न्यायालय की अवमानना के इर्द-गिर्द कुछ चुनौतियाँ भी हैं, जैसे-
समकालीन समय में यह अधिक महत्त्वपूर्ण है कि अदालतों को जवाबदेही के बारे में चिंतित देखा जाता है कि आरोप प्रत्यारोप की कार्रवाई के खतरों के बजाय निष्पक्ष जाँच सुनिश्चित हो और प्रक्रियाएँ पारदर्शी हों। न्यायपालिका में मानहानि की आशंका न्यायपालिका के कामकाज को मीडिया और जनता के अधिक कठोर परीक्षण से रोकती है। यह कहना समीचीन होगा कि यह समय जीवंत लोकतंत्र के पक्ष में है, जहाँ रचनात्मक आलोचना का स्वागत किया जाता है।