प्रश्न. तर्कसंगत निर्णय लेने के लिये निवेश (इनपुट) के एक विश्वसनीय स्रोत के रूप में डिजिटल प्रौद्योगिकी का प्रभाव एक बहस का मुद्दा है। उपयुक्त उदाहरण के साथ समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये। (150 शब्द)
उत्तर :
डिजिटल प्रौद्योगिकी का प्रयोग वर्तमान मनुष्य के दैनिक जीवन को विभिन्न रूपों से प्रभावित कर रहा है, व्यक्तिगत अथवा व्यावसायिक दृष्टिकोण से निर्णय लेने में डिजिटल पदों की अहम भूमिका है। तर्कसंगत निर्णय लेने में एक विश्वसनीय स्रोत के रूप में डिजिटल प्रौद्योगिकी की भूमिका-
- प्रशासन के संदर्भ में निर्णय लेने हेतु उपस्थित डाटा को एकत्र करने एवं इसे सार्थक जानकारी में परिवर्तित करने हेतु; जैसे - आधार कार्ड, वन नेशन वन राशन कार्ड आदि।
- वर्तमान महामारी के दौर में सरकार को समय- समय पर तत्काल निर्णय लेने कौ आवश्यकता पड़ी है; जैसे- क्षेत्र विशेष अथवा संपूर्ण देश में लॉकडाउन की घोषणा, वैक्सीनेशन की स्थिति आदि। ऐसे निर्णय को लेने से पूर्व सरकार के समक्ष उपलब्ध विभिन्न डाटा, जो डिजिटल प्रौद्योगिकी के प्रयोग से तैयार किये गए हैं, महत्त्वपूर्ण साबित हुए हैं।
- जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक आपदाओं की पूर्व सूचना देने एवं उनके निराकरण के लिये उचित कदम उठाने में डिजिटल प्रौद्योगिकी के अंतर्गत बिग डाटा विश्लेषण अहम भूमिका निभा रहा है।
डिजिटल प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग
- डिजिटल प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग का सबसे बड़ा माध्यम वर्तमान में सोशल मीडिया है। भ्रामक खबरें एवं असत्यापित जानकारी लोगों के निर्णय को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है; जैसे - चुनावों से पूर्व भ्रामक खबरें, वैक्सीन के संदर्भ में भ्रामक खबरें।
- डिजिटल प्रौद्योगिकी का अधिक प्रयोग मानव की तर्कसंगतता को कमज़ोर बनाता है। अधिक जानकारियों के उपलब्ध होने पर भी गलत निर्णय लेने की संभावना प्रबल होती है।
- डिजिटल प्रौद्योगिकी मनुष्य के नैतिक मूल्यों जैसे - करुणा, समानुभूति एवं निष्पक्षता आदि को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है।
- निर्णय लेने में डिजिटल प्रौद्योगिकी का अधिक प्रयोग डिज़िटल ज्ञान से वंचित वर्ग की निर्णय लेने में भागीदारी कम अथवा समाप्त कर देता है।
इस प्रकार आवश्यक है कि निर्णय लेने में मानवीय मूल्यों एवं विवेक पर निर्भर रहते हुए डिज़िटल प्रौद्योगिकी का अनुकूलतम प्रयोग किया जाए।