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प्रश्न :
उन पाँच नैतिक लक्षणों की पहचान कीजिये, जिनके आधार पर लोक सेवक के कार्य - निष्पादन का आकलन किया जा सकता है।मेट्रिक्स में उनके समावेश का औचित्य सिद्ध कीजिये। (उत्तर 150 शब्दों में दीजिये)
17 Mar, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
कार्य निष्पादन आकलन कर्मचारी के कार्य निष्पादन के मूल्यांकन का एक संगठित तरीका होता है जिसमें उसके वास्तविक कार्य निष्पादन तथा कार्य को करने के पूर्व निर्धारित स्तरों एवं मानकों के बीच तुलना की जाती है। एक लोक सेवक इस विश्वास के आधार पर सार्वजनिक पद धारण करता है कि वह अपने कार्य निष्पादन में नैतिक मानकों का पालन करेगा। लोक सेवाओं का मूलभूत उद्देश्य इसी विश्वास पर आधारित है। नैतिक मानकों के आधार पर एक लोक सेवक यह तय कर सकता है कि किसी कार्य को नैतिकतापूर्ण ढंग से किया गया है या नहीं। यहाँ कुछ नैतिक मानक दिये गए हैं जो एक लोक सेवक के कार्य निष्पादन का आकलन करने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं, जैसे-
- कार्य के प्रति निष्ठा और समर्पण: यह गुण ही लोक सेवक को सौंपे गए कार्य के प्रति उसके इरादे और दृष्टिकोण को नियंत्रित करता है और दिये गए कार्य के प्रति जवाबदेही को नियंत्रित करता है।
- भावनात्मक बुद्धिमत्ता: भावनात्मक बुद्धिमत्ता एक प्रशासक को तटस्थ, निष्पक्ष और तर्कसंगत होने में मदद करती है।
- ईमानदारी: इसके आधार पर एक लोक सेवक किसी कार्य को बिना किसी लालच और भय के करने में सक्षम हो पाता है।
- करुणा और सहानुभूति : वंचित वर्ग के प्रति करुणा और सहानुभूति एक लोक सेवक को वस्तुनिष्ठता के उच्च मानकों से समझौता न करके समस्या के अभिनव और प्रभावी समाधान के लिये प्रेरित करती है।
- साहस: प्लेटो ने साहस को सद्गुणों के अंतर्गत रखा है और यह एक लोक सेवक के लिये महत्त्वपूर्ण गुण है। सेवाकाल के दौरान एक लोक सेवक को सत्य तथा समाज में होने वाले हर संभव अन्याय के खिलाफ खड़े होने के लिये साहस की आवश्यकता होती है।
उपर्युक्त विश्लेषण से स्पष्ट है कि कार्य निष्पादन में इन नैतिक मानकों को बनाए रखने से एक लोक सेवक को समाज और सरकार द्वारा उस पर विश्वास बनाए रखने में मदद मिलती है।
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