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प्रश्न :
भारत में महिला सशक्तिकरण की प्रक्रिया में 'गिग इकॉनमी' की भूमिका का परीक्षण कीजिये। (150 शब्द)
07 Mar, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भारतीय समाजउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण :
- गिग अर्थव्यवस्था के बारे में संक्षेप में बताते हुए परिचय दीजिये।
- चर्चा कीजिये कि यह भारत में महिला सशक्तिकरण की प्रक्रिया में कैसे मदद करता है।
- गिग इकोनॉमी के समक्ष उपस्थित बाधाओं का भी मूल्यांकन कीजिये।
- उपयुक्त निष्कर्ष लिखिये।
परिचय
' गिग इकोनॉमी ' एक ऐसी मुक्त बाज़ार व्यवस्था है, जहाँ पारंपरिक पूर्णकालिक रोज़गार की बजाय अस्थायी रोज़गार का प्रचलन होता है। इसके तहत कंपनियाँ या संगठन अपनी अल्पकालिक या विशेष आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये स्वतंत्र प्रतिरोध की श्रमिकों के साथ अनुबंध करते हैं। गिग इकोनॉमी देश और दुनिया भर में बढ़ती बेरोज़गारी का एक समाधान भी देती है। इसके अंतर्गत ओला,उबर, अमेजॉन, जोमाटो आदि जैसे प्लेटफॉर्म सम्मिलित हैं।
गिग इकोनॉमी की महिला सशक्तीकरण में भूमिका
- घरेलू महिलाओं के लिये अधिक आर्थिक अवसर की उपलब्धता क्योंकि कार्य के समय चयन करने की स्वतंत्रता अधिक लचीलापन प्रदान करती है।
- नियोजकों को सामाजिक सुरक्षा और मातृत्व लाभ अधिनियम जैसे कानूनों का पालन नहीं करना पड़ता है, जिससे महिलाओं को उनको गर्भावस्था की अवधि के बावजूद भर्ती कर सकते हैं।
- स्नैपडील, अमेजॉन और फ्लिपकार्ट आदि प्लेटफॉर्म के माध्यम से महिलाएं अपने पारंपरिक उत्पादों को बेचने में सक्षम हुई हैं।
- डिजिटल प्रौद्योगिकी के बढ़ते प्रचलन से वर्चुअल वर्किंग में महिलाओं के लिये नए अवसर खुले हैं तथा वे ऐप और फोन कॉल के माध्यम से कार्य करने में सक्षम हुई हैं।
महिला सशक्तीकरण की दिशा में गिग इकोनॉमी के साथ-साथ जेंडर संवेदीकरण कार्यक्रमों को बढ़ावा देने, घरेलू हिंसा अधिनियम आदि का सफल कार्यान्वयन और महिलाओं की कार्यबल में भागीदारी को बढ़ावा देने जैसे प्रयास भी करना चाहिये।
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