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प्रश्न :
वर्ष 2021 में घटित प्रमुख ज्वालामुखी विस्फोट की वैश्विक घटनाओं को बताते हुए क्षेत्रीय पर्यावरण पर उनके प्रभावों का उल्लेख कीजिये। (250 शब्द)
21 Feb, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोलउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- ज्वालामुखी क्या है और वैश्विक स्तर पर इस घटना को परिभाषित करके उत्तर की शुरुआत कीजिये।
- 2021 में ज्वालामुखी विस्फोट के कुछ उदाहरणों को उनके विस्फोट के स्थान के साथ सूचीबद्ध कीजिये।
- पर्यावरण पर ज्वालामुखी विस्फोट के प्रभाव की विवेचना कीजिये।
- उपयुक्त निष्कर्ष निकालें।
परिचय:
- ज्वालामुखी प्राय: एक छिद्र अथवा खुला भाग होता है, जिससे होकर पृथ्वी के अत्यंत तप्त भाग से गैस, तरल लावा, जल, चट्टानों के टुकड़ों आदि से युक्त गर्म पदार्थ पृथ्वी के धरातल पर प्रकट होता है।
- ज्वालामुखी विस्फोट के स्थानीय और क्षेत्रीय वातावरण पर भूकंप, भूस्खलन, मृदा का बहाव, राख और गरज जैसे प्रभाव पड़ते हैं।
निकाय:
ज्वालामुखी विस्फोट 2021 विस्फोट का स्थान माउंट सिनाबंग विस्फोट इंडोनेशिया क्लाईचेवस्काया ज्वालामुखी रूस का सुदूर पूर्वी कमचटका प्रायद्वीप। फोर्नेज ज्वालामुखी रियूनियन द्वीप माउंट एटना इटली एरेबस अंटार्कटिका - पर्यावरण पर ज्वालामुखी विस्फोट का प्रभाव:
- ज्वालामुखी विस्फोट पृथ्वी की सतह पर नई चट्टानों के निर्माण के लिये ज़िम्मेदार हैं।
- ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान वातावरण में उत्सर्जित गैसों और धूल के कणों का जलवायु पर प्रभाव पड़ता है।
- ज्वालामुखी पृथ्वी के इतिहास में लाखों वर्षों से ग्लोबल वार्मिंग का कारण बना है, जब अत्यधिक मात्रा में ज्वालामुखी की घटना घटित होती हैं तब वातावरण में ग्रीनहाउस गैसें उत्सर्जित होती हैं।
- भले ही ज्वालामुखी की घटना पृथ्वी के विशिष्ट स्थानों पर घटित होती हैं, परंतु उनके प्रभाव अधिक व्यापक रूप से वितरित होते हैं क्योंकि इनसे उत्सर्जित गैस, धूल और राख वातावरण में मिल जाते हैं।
- इसका कारण वायुमंडलीय परिसंचरण पैटर्न है, इस कारण उष्ण कटिबंध में ये विस्फोट दोनों गोलार्द्धों में जलवायु पर प्रभाव डाल सकते हैं।
- मध्य या उच्च अक्षांशों पर विस्फोटों का प्रभाव केवल उस गोलार्द्ध पर पड़ता है जिसमें वे घटित होते हैं।
- ज्वालामुखी विस्फोट आमतौर पर बढ़ी हुई भूकंपीय गतिविधि से पहले घटित होते हैं।
निष्कर्ष
पृथ्वी पर अधिकांश सक्रिय ज्वालामुखी सर्कम-पैसिफिक बेल्ट पर होते हैं, जिन्हें ‘द रिंग ऑफ फायर’ भी कहा जाता है। ज्वालामुखी क्षेत्र प्राकृतिक बहिर्जात घटना है जिसे टाला नहीं जा सकता है, लेकिन आपदा जोखिम प्रबंधन सुविधाएँ विकसित करना निश्चित रूप से सही दिशा में एक कदम होगा।
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