प्रश्न. आप एक सिविल सेवा प्रतियोगी हैं और आपने इस परीक्षा के प्रथम दो चरण उत्तीर्ण कर लिये हैं और हाल ही में आपको साक्षात्कार हेतु कॉल लेटर मिला है। आपने इस अवसर पर परमात्मा के प्रति अपना आभार जताने हेतु अपने निवास के पास के पवित्र तीर्थस्थल पर जाने का फैसला किया। तीर्थस्थल में प्रवेश करते ही आप एक भूत भगाने की क्रिया को देखते हैं। जहाँ एक दबंग धार्मिक व्यक्ति दो महिलाओं पर चिल्लाते हुए लगातार थप्पड़ मार रहा है तथा उसके पास ही उनका परिवार मूक-दर्शक बनकर खड़ा है। आप इस बात से आश्वस्त हैं कि महिलाएँ मनोवैज्ञानिक रूप से पीड़ित हैं किंतु इनके परिवार के सदस्यों द्वारा उनकी इस स्थिति को उनके शरीर में बुरी आत्मा की उपस्थिति के लक्षण के रूप में पेश किया जा रहा है। आप इन महिलाओं की दुर्दशा से गहराई से प्रभावित हैं तथा उनके प्रति समानुभूति रखते हैं।
(a) आपके पास इस स्थिति में कौन-कौन से विकल्प उपलब्ध हैं तथा आप इस स्थिति में कैसे प्रतिक्रिया देंगे?
(b) भूत भगाने की प्रथा में कौन-कौन से नैतिक मुद्दे शामिल हैं? (250 शब्द)
हल करने का दृष्टिकोण:
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सामान्यतया भारतीय समाज में मानसिक स्वास्थ्य एवं मनोवैज्ञानिक मुद्दे रूढ़िजन्य हैं। यहाँ ऐसी समस्याओं से पीड़ित व्यक्तियों के साथ सामाजिक भेदभाव किया जाता है। यह न सिर्फ एक सिविल सेवा प्रतियोगी के रूप में बल्कि एक शिक्षित नागरिक के रूप में ऐसी भेदभावपूर्ण एवं अमानवीय प्रथा को रोकना तथा इसके खिलाफ आवाज़ उठाना मेरा कर्त्तव्य है।
जैसा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था, ‘‘जब तक लाखों लोग भूख और अज्ञान में रहेेंगे तब तक मैं हर उस आदमी को गद्दार मानूँगा, जिसने गरीबों की कीमत पर शिक्षा तो हासिल की लेकिन उनकी चिंता बिल्कुल नहीं की।’’
उपर्युक्त केस स्टडी में महिलाएँ स्पष्ट रूप से अपने परिवार के गलत विश्वासों की बलि चढ़ रही हैं। इस मामले में मेरे पास उपलब्ध विकल्प निम्नवत् हैं-
हमारा समाज कई प्रकार की अप्रचलित एवं शोषणकारी प्रथाओं से पीड़ित है क्योंकि यहाँ अधिकांश शिक्षित और ज़िम्मेदार नागरिक बस मूकदर्शक बनकर रह जाते हैं। महाभारत में एक नागरिक के कर्त्तव्यों को बताते हुए तर्क दिया गया है कि जब कोई अपराध होता है तो उसका सिर्फ आधा दोष अपराधी का होता है जबकि एक-चौथाई सह-साजिशकर्त्ता का तथा बचा हुआ एक-चौथाई दोष उन लोगों का होता है जो चुपचाप खड़े होकर इसे देखते हैं। इसलिये मुझे अपनी अंतरात्मा की आवाज़ को सुनकर सकारात्मक रूप से इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिये। मैं परिवार के सदस्यों को यह समझाने की कोशिश करूँगा कि इस प्रकार के अत्याचार से महिलाओं की स्थिति और बदतर हो जाएगी तथा उन्हें यह भी समझाऊँगा कि मानसिक समस्याएँ काउंसलिंग के द्वारा ठीक हो जाती हैं। उन्हें भूत भगाने हेतु टोटके करने की बजाय एक अच्छे मनोचिकित्सक से संपर्क करना चाहिये। यदि उन्हें वित्त संबंधी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है तो मैं सरकारी तथा गैर-सरकारी संगठनों की सहायता से उनकी मदद करूँगा। साथ ही, मैं ऐसे गैर-सरकारी संगठनों से संपर्व करूँगा जो कि तीर्थस्थलों पर होने वाली ऐसी प्रथाओं को रोकने हेतु कार्य करते हैं।
भूत भगाने की प्रथा में शामिल नैतिक मुद्दे:
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ.) की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत की लगभग 7.5 प्रतिशत जनसंख्या किसी-न-किसी रूप में मानसिक विकारों का सामना कर रही है। किंतु जागरूकता की कमी, स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव और मनोचिकित्सकों की कम उपलब्धता के कारण लोग ऐसे अंधविश्वासों का सहारा लेते हैं। वर्तमान में ऐसी सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने की दिशा में कार्य करना समय की एक महत्त्वपूर्ण मांग है।