नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    असहयोग आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी के रचनात्मक कार्यक्रमों को स्पष्ट कीजिये। (250 शब्द)

    31 Jan, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण :

    • संक्षेप में रचनात्मक कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिये।
    • असहयोग आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान रचनात्मक कार्यक्रम के विभिन्न आयामों को सूचीबद्ध कीजिये।
    • उपयुक्त निष्कर्ष लिखिये।

    परिचय:

    गांधी की राष्ट्रीय उत्थान की व्यापक योजना, जिसे उन्होंने रचनात्मक कार्यक्रम का नाम दिया, का उद्देश्य सत्य और अहिंसा पर आधारित सामाजिक व्यवस्था की स्थापना करना था।

    गांधी का मानना ​​​​था कि एक राष्ट्र के रूप में मौलिक कर्त्तव्यों के प्रति हमारी लापरवाही के कारण भारत में विदेशी प्रभुत्व जीवित और समृद्ध हुआ। इन कर्त्तव्यों की सामूहिक पूर्ति को संयुक्त रूप से रचनात्मक कार्यक्रम कहा जा सकता है।

    असहयोग आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान रचनात्मक कार्यक्रम:

    • सांप्रदायिक एकता: गांधी के अनुसार, सांप्रदायिक एकता का मतलब केवल राजनीतिक एकता नहीं है बल्कि दिलों की अटूट एकता होनी चाहिये।
      • यह लखनऊ संधि 1916 के दौरान हासिल की गई थी, जिसके तहत भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस और मुस्लिम लीग दोनों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ हाथ मिलाया था।
      • लखनऊ समझौते ने खिलाफत और असहयोग आंदोलन की नींव रखी।
    • अस्पृश्यता का उन्मूलन: गांधी ने माना कि अस्पृश्यता भारतीय समाज पर एक धब्बा और अभिशाप है। गांधी ने इस बुराई को खत्म करने का प्रयास किया।
      • उन्होंने 1932 में अपने पूना समझौते के बाद अस्पृश्यता के उन्मूलन के लिये 'हरिजन सेवक संघ' की स्थापना की।
    • खादी वस्त्र बनाना: गांधी ने खादी को राष्ट्रवाद, आर्थिक स्वतंत्रता, समानता और आत्मनिर्भरता के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया।
      • उनका मानना ​​था कि खादी के माध्यम से ही समाज का पुनर्निर्माण और विदेशी शासन के खिलाफ प्रभावी सत्याग्रह संभव है।
      • खादी का ग्रामीण अर्थव्यवस्था के उत्थान में केंद्रीय स्थान है, जो अंततः ग्राम स्वराज की प्राप्ति की ओर ले जाता है।
    • नई या बुनियादी शिक्षा: गांधी की नई शिक्षा की अवधारणा का तात्पर्य प्रकृति, समाज और शिल्प शिक्षा के विशाल माध्यम है।
      • उनके अनुसार, सच्ची शिक्षा वह है जो बच्चों को आध्यात्मिक, बौद्धिक और शारीरिक संकायों की ओर खींचती और उत्तेजित करती है।
      • यह शिक्षा उनके लिये बेरोज़गारी के खिलाफ एक तरह का बीमा होनी चाहिये।
    • महिलाओं का उत्थान: स्वराज के अपने मिशन में गांधी को महिलाओं, किसानों, मज़दूरों और छात्रों के सहयोग की आवश्यकता थी।
      • इसलिये, उन्होंने एक रचनात्मक कार्यक्रम के माध्यम से उनके बीच काम करने की योजना बनाई थी।
      • 1930-32 के आंदोलन ने महिलाओं में अभूतपूर्व जागरूकता पैदा की।
      • गांधी के प्रयासों के कारण ही महिलाएँ इतिहास में पहली बार अपने घरों से बाहर निकलीं और उन्होंने भारतीय राजनीतिक संघर्ष में भाग लिया।

    निष्कर्ष:

    भारतीय समाज का एकीकरण शायद स्वतंत्रता की उपलब्धि से अधिक कठिन था क्योंकि इस प्रक्रिया में हमारे अपने लोगों के समूहों और वर्गों के बीच संघर्ष की संभावना मौजूद थी।

    इस परिदृश्य में गांधीवादी रचनात्मक भूमिका ने राष्ट्र निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow