प्रश्न. एक नैतिक दुविधा क्या है? सरकारी संस्थाओं में विभिन्न प्रकार की नैतिक दुविधाओं का उल्लेख कीजिये तथा उनके समाधान के उपाय भी सुझाइये। (150 शब्द)
27 Jan, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न
हल करने का दृष्टिकोण:
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नैतिक दुविधा नैतिक निर्णयन में ऐसी परिस्थिति है जहाँ दो बराबर महत्त्व के विकल्पों में किसी एक को चुनने में दुविधा होती है। इस स्थिति में दोनों विकल्पों में से एक का चयन अनिवार्य होता है तथा किसी एक को चुनकर पूर्ण संतुष्टि मिलना संभव नहीं हो पाता तो इस स्थिति को नैतिक दुविधा कहते हैं। यह एक जटिल स्थिति है जिसमें एक विकल्प का चयन करने पर दूसरे की अवज्ञा हो जाती है। इस प्रकार की दुविधा में कम से कम एक पक्ष नैतिकता से संबंधित होता है तथा ऐसा भी संभव है कि दोनों पक्ष अलग-अलग नैतिक मूल्यों से संबंधित हों।
लोक सेवकों द्वारा अपने सेवा काल में कई प्रकार की नैतिक दुविधाओं का सामना किया जाता है जिन्हें निम्नवत् देखा जा सकता है-
लोक सेवा में कदाचार तथा लातफीताशाही की प्रवृत्ति को रोकने के साथ-साथ नैतिक मानकों को लागू करना अत्यधिक जटिल मुद्दा है। नैतिक दुविधा को कम करने हेतु निम्नलिखित मार्गों को अपनाया जा सकता है-
लोक सेवा में समय के साथ-साथ नैतिक सिद्धांतों और नियमों के पतन को रोकने के लिये नैतिक मूल्यों व मानकों पर पुन: संवेदीकरण कार्यक्रम की शुरुआत की जा सकती है।