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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    गदर आंदोलन की विचारधारा में समतावादी तथा जनतंत्रवादी विचारों को स्थान दिया गया था और इसका दृष्टिकोण पूर्णतः धर्मनिरपेक्ष था, विवेचना कीजिये।

    16 Apr, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा:

    • गदर पार्टी की स्थापना।
    • उद्देश्यों में समतावादी व जनतंत्रवादी विचार।
    • धर्मनिरपेक्षता के संदर्भ में तथ्य बताते हुए निष्कर्ष लिखें।

    गदर पार्टी की स्थापना 1913 में सेन फ्रांसिस्को में लाला हरदयाल के प्रयासों से हुई इसका उद्देश्य सशस्त्र संघर्ष के माध्यम से भारत को अंग्रेज़ी दासता से मुक्ति दिलाना था। इस संगठन ने भारत को अनेक महान क्रांतिकारी दिये।

    गदर विचारधारा की प्रकृति समतावादी तथा जनतंत्रवादी मानने के पीछे निम्नलिखित कारण हैं-

    • इसका उद्देश्य स्वतंत्र गणराज्य की स्थापना करना था।
    • ये किसी भी प्रकार के भेदभाव को नहीं मानते थे। इस संगठन में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, अछूत सभी एक साथ बैठकर भोजन करते थे।
    • ये भारत तथा शेष दुनिया के मध्य स्वतंत्रता, समानता तथा भाई-चारे का संबंध कायम करना चाहते थे।
    • लाला हरदयाल गदर आंदोलन को अंध राष्ट्रभक्ति से बचाने के लिये अक्सर आयरिश एवं रूसी क्रांतिकारियों का उदाहरण देते थे।
    • यद्यपि इनकी हिंसात्मक गतिविधि इनके जनतंत्रवादी होने पर प्रश्नचिह्न भी लगाती है, लेकिन साध्य की दृष्टि से ये जनतंत्रवादी ही थे।

    गदर आंदोलन में धर्मनिरपेक्ष तत्त्व:

    • ये धर्म को निजी मामला मानते थे तथा राजनीति को धर्म अलग किया। नेतृत्व के स्तर पर सभी वर्गों की भागीदारी थी। जैसे- हरदयाल हिन्दू थे तो बरकतुल्ला मुसलमान।
    • यद्यपि आंदोलनकारियों में सिखों की बहुलता थी फिर भी उन्होंने ‘सत श्री अकाल’ जैसे धार्मिक नारों की बजाय ‘वंदे मातरम’ को आंदोलन का लोकप्रिय नारा बनाया।
    • यद्यपि गदर आंदोलन अपने उद्देश्यों की प्राप्ति में पूर्णतः सफल नहीं माना जाता तथापि यह समतावादी एवं जनतंत्रवादी मूल्यों पर आधारित था।

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