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प्रश्न :
‘अगर स्टेट्स जनरल की बैठक नहीं हुई होती तो फ्राँसीसी क्रांति की शुरुआत भी नहीं होती।’ उक्त कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं?
28 Apr, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहासउत्तर :
उत्तर की रूपरेखा:
- उत्तर की शुरुआत फ्राँस में व्याप्त परिस्थितियों के साथ करें।
- स्टेट्स जनरल की भूमिका की चर्चा करें।
- फ्राँसीसी क्रांति के ऊपर इसके प्रभाव के साथ उत्तर समाप्त करें।
प्रशासनिक विफलता, दिवालियापन तथा अमेरिकी क्रांति के साथ-साथ प्रबुद्ध विचार फ्राँसीसी क्रांति के सामान्य कारण थे, परंतु इन सबके ऊपर स्टेट्स जनरल की बैठक के द्वारा उत्पन्न क्रांतिकारी मानसिकता का स्थान है, जिसने मनुष्य तथा नागरिकों के अधिकारों के विचार को फैलाया।
फ्रेंच लोग सदियों से स्थानीय निर्वाचन सभाओं में स्टेट्स जनरल के डिप्टियों के निर्वाचन के लिये मिलते थे हालाँकि स्टेट्स जनरल की बैठक को 1614 से नहीं बुलाया गया था।
जुलाई 1788 में लुई 16 ने अनसुलझे तथा बढ़ते हुए वित्तीय संकट को लेकर स्टेट्स जनरल की बैठक बुलाई। डिप्टियों के निर्वाचन के बाद अगले साल जून में इसकी बैठक होनी थी। अगले 12 महीने तक लुई के आग्रह के अनुसार प्रत्येक स्टेट्स ने शिकायतों की सूची तैयार की।
तीनों स्टेट्स की अलग-अलग बैठक हुई तथा उन्होंने अलग निकायों की तरह मतदान किया। चूँकि प्रथम तथा द्वितीय स्टेट्स को विशेषाधिकार प्राप्त था उन्होंने तृतीय स्टेट्स के विरुद्ध मतदान किया।
17 जून, 1789 को तृतीय स्टेट्स ने स्वयं को राष्ट्रीय सभा घोषित करते हुए फ्राँसीसी क्रांति की शुरुआत की। यह वास्तव में एक गंभीर कदम था। कुछ दिनों के बाद जब उनकी सभास्थल को बंद कर दिया गया तो वे टेनिस कोर्ट में मिले तथा टेनिस कोर्ट में शपथ ली जिसमें कहा गया कि हम तब तक अलग नहीं होंगे जब तक संविधान का निर्माण नहीं हो जाता है। लुई 16 ने नेशनल असेम्बली के तत्काल विघटन का आदेश दिया।
सभी आवश्यक वस्तुओं विशेषकर ब्रेड की कीमत काफी बढ़ गई थी तथा लोग पेरिस की सड़कों पर ब्रेड और अन्य वस्तुओं की मांग करते हुए इकट्ठा हो गए। किसानों ने सोचा कि स्टेट्स जनरल उनकी कुछ समस्याओं का निवारण करेगा तथा उन्होंने समस्याओं की सूची पहले ही वर्साय भेज दी थी।
4 अगस्त, 1789 को फ्राँसीसी अभिजात्य वर्ग ने अपने विशेषाधिकारों को 4 अगस्त की डिक्री के द्वारा छोड़ दिया, नेशनल असेम्बली के कई सदस्यों ने फ्राँसीसी क्रांति का मुख्य दस्तावेज ‘द डिक्लेरेशन ऑफ राईट्स ऑफ मैन एंड सिटीजन’ तैयार किया, जिसे 26 अगस्त को अंगीकार कर लिया गया। ऐसी घोषणा का उद्देश्य देश को इकट्ठा करना तथा नेशनल असेम्बली के लिये जनसमर्थन बढ़ाना था।
सड़कों पर इकट्ठा होकर पेरिस के लोगों ने ब्रेड की कमी का विरोध करते हुए वर्साय तक 12 मील पैदल यात्रा की। लुई के पास कोई विकल्प न था, अतः वह प्रदर्शनकारियों के साथ पेरिस लौट आया, जहाँ उसे अंशतः बंदी बना लिया गया।
अक्तूबर 1789 से सितंबर 1791 तक नेशनल असेम्बली ने पुरानी शासन व्यवस्था को हटाने के लिये स्वयं को सुधारात्मक कार्यों में व्यस्त रखा। सितंबर 1791 के अंत में नेशनल असेम्बली ने घोषणा कर दी कि उसका कार्य अब समाप्त हो चुका है।
अतः स्टेट्स जनरल की बैठक फ्राँसीसी क्रांति के लिये उत्तरदायी प्रमुख कारणों में से एक थे, क्योंकि इसने क्रांति का माहौल तैयार किया तथा विचारों की अभिव्यक्ति को मंच बना। लेकिन फ्राँसीसी क्रांति का मूल कारण उसके क्षरित सामाजिक-आर्थिक संरचना में निहित थी। स्टेट्स जनरल की बैठक उक्त सामाजिक असंतोष के प्रस्फुटन का एक मंच मात्र थी। अगर स्टेट्स जनरल की बैठक नहीं भी होती, तो भी उक्त असंतोष को अधिक समय तक दबाया नहीं जा सकता था और वह अन्य स्थान व परिवेश में प्रस्फुटित होती।
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