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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    ‘25 अगस्त, 1911 के भारत सरकार के ‘डिस्पैच’ ने ‘गवर्नर इन कौंसिल’ के अंतर्गत बंगाल के एकीकरण को राजधानी के दिल्ली स्थानांतरण से जोड़ा, जिसका प्रयोजन मुसलमानों की भावनाओं को शांत करना था, तथापि इसमें कुछ वृहत्तर प्रयोजन अवश्य ही अंतर्निहित थे।’ व्याख्या करें।

    26 Sep, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा:

    • बंगाल का विभाजन क्यों रद्द हुआ?
    • राजधानी स्थानांतरण ‘मुस्लिम तुष्टीकरण’ की नीति थी। 
    • राजधानी स्थानांतरण के अन्य कारण थे- भौगोलिक, राष्ट्रवाद नियंत्रण संबंधी कारण,  और राजनीतिक कारण।

    बंगाल विभाजन के पश्चात् उत्पन्न अराजकता एवं आंदोलन के वातावरण तथा राष्ट्रवाद की बढ़ती भावना के फलस्वरूप 1911 में बंगाल विभाजन रद्द कर दिया गया। चूँकि बंगाल विभाजन मुस्लिम वर्ग के पक्ष में था, अतः यह विभाजन रद्द होने से मुस्लिम वर्ग में असंतोष बढ़ गया। इस असंतोष को भाँपकर तथा इसे कम करने हेतु अंग्रेजों ने इसे राजधानी स्थानांतरण के मुद्दे से जोड़ दिया।

    चूँकि लगभग सभी मुस्लिम शासकों (सल्तनतकालीन तथा मुगलकालीन) ने या तो दिल्ली को अपनी राजधानी बनाया या उसे विशेष महत्त्व दिया। अतः मुसलमान वर्ग भावनात्मक तौर पर ‘दिल्ली’ से विशेष लगाव रखता था। अंग्रेजों ने दिल्ली को राजधानी बनाकर स्वयं को मुस्लिम वर्ग के हितैषी शासक के रूप में प्रस्तुत कर उनकी असंतुष्टि  को कम करने का प्रयास किया।

    परंतु राजधानी का कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरण केवल मुस्लिम वर्ग को संतुष्ट करने के लिये नहीं था अपितु इसके अन्य वृहतर कारण भी थे, जो इस प्रकार हैं-

    भौगोलिक कारणः दिल्ली अंग्रेजों की ग्रीष्मकालीन राजधानी ‘शिमला’ पश्चिमी व्यापारिक केंद्रों, जैसे- कराची तथा मुम्बई के निकट थी, अतः यह अंग्रेजों के लिये राजधानी का श्रेष्ठ विकल्प था।

    राष्ट्रवाद नियंत्रण संबंधी कारणः कलकत्ता प्रारंभ से ही अंग्रेजों की आर्थिक-राजनीतिक गतिविधियों का केन्द्र रहा, अतः यह ‘विकास’ की प्रक्रिया में अग्रणी था। यहीं सर्वप्रथम राष्ट्रवाद का उदय हुआ जो विभिन्न संस्थाओं के रूप में तथा स्वदेशी आंदोलन के दौरान देखने को मिला। अतः अंग्रेजों ने कलकत्ता को ‘केन्द्र’ से हटाकर बंगाल की शक्ति तथा राष्ट्रवाद को क्षीण करने का प्रयत्न किया।

    इसके अतिरिक्त पंजाब, संयुक्त प्रांत राष्ट्रवाद के नए केन्द्र बनते जा रहे थे। इन सब पर नियंत्रण हेतु अंग्रेजों ने दिल्ली को राजधानी बनाने का विकल्प चुना।

    राजनीतिक कारणः मॉर्ले-मिण्टो सुधार, 1909 के तहत लेजिस्लेटिव काउंसिल में भारतीयों की भूमिका बढ़ गई। अब अंग्रेज ऐसी राजधानी चाहते थे जो देश के केन्द्र में स्थित हो और जिससे पूरे देश पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया जा सके।

    अतः स्पष्ट है कि राजधानी स्थानांतरण केवल मुस्लिम वर्ग की संतुष्टि के लिये नहीं अपितु अनेक अन्य कारणों से भी की गई थी। इस संदर्भ में लॉर्ड हार्डिंग ने कहा था, जो दिल्ली पर शासन करता है, वह पूरे हिन्दोस्ताँ पर शासन करता है।

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