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प्रश्न :
एक देश के रूप में विश्व में भुखमरी तथा कुपोषण से पीड़ित सर्वाधिक लोग भारत में ही निवास करते हैं किंतु वर्तमान समय में अतिपोषण की समस्या अपेक्षाकृत अधिक तेज़ी से उभर रही है। इस कथन पर विचार करते हुए समस्या के कारणों एवं इसके समाधान पर प्रकाश डालें।
25 Jul, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थाउत्तर :
उत्तर की रूपरेखा
- प्रभावी भूमिका में प्रश्नगत कथन को स्पष्ट करें।
- तार्किक एवं संतुलित विषय-वस्तु में अतिपोषण के कारणों एवं समाधान का उल्लेख करें।
लंबे समय से भुखमरी और कुपोषण की समस्या से जूझने के बाद आज अतिपोषण की समस्या भी भारत को व्यापक रूप से प्रभावित कर रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण - 4 के आँकड़ों के अनुसार शहरी महिलाओं में लगभग 15.5% का बॉडी-मास इंडेक्स (BMI) सामान्य से कम है, जबकि 31% महिलाओं का BMI सामान्य से अधिक है। पुरुषों के संदर्भ में भी ये आँकड़े क्रमशः 15% तथा 26% हैं। ये तथ्य बताते हैं कि भारत अतिपोषण की समस्या से जूझ रहा है। गैर-संक्रामक रोगों की बढ़ती संख्या भी इसी तथ्य को दर्शाती है क्योंकि अतिपोषण, गैर-संक्रामक रोगों का बड़ा कारण है।
अतिपोषण के कारणः
- भारत में अतिपोषण का एक बड़ा कारण शहरों की व्यस्त तथा अनियमित जीवन शैली से जुड़ा हुआ है। साथ ही, अनियमित भोजन शैली जिससे कैलोरी की मात्रा की उचित खपत नहीं हो पाती से भी अतिपोषण की समस्या बढ़ती है।
- वर्तमान में हरित क्रांति द्वारा अनाजों के उत्पादन पर बल दिये जाने के कारण आज ज़्यादातर भारतीय गेहूँ और चावल जैसे अनाजों का अधिक मात्रा में सेवन करते हैं, जबकि दूध, फल और सब्जियों का कम सेवन करते हैं। इससे अतिपोषण की समस्या बढ़ती है।
- वनस्पति तेलों, जो वसा का बड़ा स्रोत है, का बढ़ता प्रयोग अतिपोषण की समस्याओं को बढ़ाता है।
- इसके अलावा समस्या का एक कारण लोगों में जागरूकता का अभाव है। समाज का एक तबका अभी भी मोटापे को अच्छे स्वास्थ्य से जोड़ता है।
- साथ ही बढ़ती समृद्धि के कारण वाहनों तथा सुविधाओं के प्रयोग से मनुष्य में व्यायाम की प्रवृत्ति का ह्रास हुआ है, जिससे अतिपोषण को बढ़ावा मिला है।
उपाय
उपाय के रूप में लोगों को अतिपोषण के बारे में जागरूक किये जाने की आवश्यकता है ताकि लोग मोटापे तथा अतिपोषण की समस्या को समझ पाएँ तथा इससे बचने की जीवन-शैली विकसित करें। अनाज के आधार पर पोषण युक्त खाद्य पदार्थों के प्रयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। साथ ही, लोगों को व्यायाम, पैदल चलना, योग जैसी गतिविधियों के लिये भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिये।
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