प्रश्न :
गौरव ने प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा को सफलतापूर्वक उत्तीर्ण कर लिया और सिविल सेवाओं के माध्यम से देश की सेवा करने के लिये मिलने वाले अवसर को लेकर वह अत्यंत उत्साहित था। हालाँकि सेवा में शामिल होने के तुरंत बाद उसने महसूस किया कि चीजें उतनी आकर्षक नहीं हैं जितनी उसने कल्पना की थी।
उसने पाया कि उसे सौंपे गए विभाग में कई कदाचार प्रचलित थे। उदाहरण के लिये विभिन्न योजनाओं और अनुदानों के तहत धन का दुरुपयोग किया जा रहा था। आधिकारिक सुविधाओं का उपयोग अक्सर अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा व्यक्तिगत ज़रूरतों के लिये किया जाता था।
कुछ समय बाद उसने देखा कि कर्मचारियों की भर्ती की प्रक्रिया भी सही नहीं थी। संभावित उम्मीदवारों को एक परीक्षा लिखनी थी जिसमें बहुत अधिक धोखाधड़ी चल रही थी। कुछ उम्मीदवारों को परीक्षा में बाहरी सहायता भी प्रदान की गई थी।
गौरव द्वारा इन घटनाओं को अपने वरिष्ठों के संज्ञान में लाया गया। हालाँकि उसे सलाह दी गई थी कि वह अपनी आँखें, कान और मुँह बंद रखें और उन सभी चीज़ों को नज़रअंदाज़ करें जो वरिष्ठों की मिलीभगत से हो रही थीं। गौरव अत्यधिक मोहभंग और असहज महसूस कर रहा था। वह आपकी सलाह लेने के लिये आपके पास आता है।
ऐसे विभिन्न विकल्पों को इंगित करें जो आपको लगता है कि इस स्थिति में उपलब्ध हैं। आप इन विकल्पों का मूल्यांकन करने और इन्हें अपनाए जाने के लिये सबसे उपयुक्त मार्ग चुनने में उसकी मदद कैसे करेंगे?
09 Jul, 2021
सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़
उत्तर :
- इस मामले में गौरव किसी विभाग या कार्यालय का मुखिया हो सकता है। एक कार्यालय एक इकाई है और एक विभाग में कई कार्यालय शामिल हैं।
- नियमों और विनियमों के अनुसार इस मामले में वह इसे प्रबंधित करने के लिये ज़िम्मेदार है।
- किसी भी मामले में, गौरव को गैरकानूनी कार्यों को गुप्त नहीं रखना चाहिये। अन्यथा वह जानबूझकर गलत काम करने वाला और दंड के लिये उत्तरदायी होगा।
- किसी भी ऑफिस में आय-व्यय संबंधी हिसाब सही रखना होता है और किसी भी प्रकार की संपत्ति की चोरी करना अपराध होता है। गौरव को यह सुनिश्चित करना चाहिये कि खाते और रिकॉर्ड ठीक से रखे गए हैं। यदि आवश्यक हो, तो उसे एक ऑडिट की व्यवस्था करनी चाहिये।
- इसके आधार पर उसे जालसाजों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करनी चाहिये।
- कार्यालयी सुविधाओं के दुरुपयोग के संबंध में इसके लिये उत्तरदाई लोगों की हिरासत के निर्देश दिये जाने चाहिये और कार्यालयी सुविधाओं के निजी उपयोग को रोकने के लिये उचित कदम उठाना चाहिये।
- बिना निरीक्षक के कोई परीक्षा आयोजित नहीं की जाती है। यदि कदाचार का पता चलता है तो उसे दोषी पर्यवेक्षकों और उम्मीदवारों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिये।
- एक पदानुक्रम में, प्राथमिक ज़िम्मेदारी उस अधिकारी के पास होती है जिसे कार्य सौंपा गया है। अगर चीजें गलत होती हैं तो इसके लिये वही अधिकारी ज़िम्मेदार भी होंगे।
- अगर कुछ मुद्दे उसकी अनन्य शक्ति के भीतर हों तो उसे अपने विवेक के आधार पर कार्य करना चाहिये। यदि उसे वरिष्ठों के निर्देश पर कार्य करना है तो वह इन मामलों को लिखित रूप में उनके संज्ञान में लाये। इस तरह वरिष्ठ अधिकारी कार्रवाई करने के लिये मज़बूर हो जाएंगे।
- अंततः कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की बाध्यता के बावजूद कोई भी अवैध कार्य नहीं कर सकता। कार्यालय या समाज की स्थिति के बारे में विचलित करने वाले विचारों को अनदेखा करते हुए अधिकारियों को अपने कर्त्तव्यों का पालन करना पड़ता है। गौरव को इस अनुचित कार्य प्रणाली का हिस्सा बनने से मना कर देना चाहिये।