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प्रश्न :
विकास वित्तीय संस्थान आधारभूत संरचना के लिये आवश्यक दीर्घकालिक वित्त को प्रसारित करने और उच्च आर्थिक विकास को गति देने के लिये महत्त्वपूर्ण मध्यवर्ती संस्था है। चर्चा कीजिये।
05 Jul, 2021 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थाउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण
- विकास वित्तीय संस्थानों (DFIs) की पृष्ठभूमि और कार्यप्रणाली का संक्षेप में परिचय देते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिये।
- भारत में DFIs के महत्त्व पर चर्चा कीजिये।
- उपयुक्त निष्कर्ष लिखिये।
परिचय
विकास वित्तीय संस्थान (DFI) लंबी अवधि तक चलने वाले पूंजी-गहन निवेशों जैसे-शहरी बुनियादी ढाँचा, खनन, भारी उद्योग तथा सिंचाई प्रणाली आदि के लिये दीर्घकालिक एवं कम दरों पर ऋण प्रदान करते हैं।
भारत में वर्ष 1991 से पहले विभिन्न विकास वित्तीय संस्थान अस्तित्त्व में थे लेकिन नरसिम्हन समिति (1991-92) की सिफारिशों के बाद उन्हें वाणिज्यिक बैंकों में परिवर्तित कर दिया गया। हालाँकि भारत में बुनियादी ढाँचे की कमी को देखते हुए, DFIs का पुनरुत्थान किये जाने की आवश्यकता है।
प्रारूप
भारत में DFIs का महत्त्व
- अवसंरचना निर्माण: अपर्याप्त और अक्षम बुनियादी ढाँचे की लागत उच्च होती है जो अर्थव्यवस्था की विकास क्षमता को प्रभावित करती है।
- केंद्र सरकार द्वारा महत्त्वाकांक्षी योजना राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन के लिये लगभग ₹ 100 लाख करोड़ रुपए जुटाने की परिकल्पना की परिकल्पना को देखते हुए भी DFIs की आवश्यकता महत्त्वपूर्ण हूँ जाती है।
- आधारभूत अवसंरचना के लिये वित्त की कमी: यद्यपि भारत में सरकारी प्रतिभूतियों और कॉरपोरेट बॉण्ड के रूप में एक दीर्घकालिक ऋण बाज़ार मौज़ूद है, लेकिन यह खुदरा निवेशकों की पहुँच से बाहर है तथा आधारभूत अवसंरचना से जुड़ी बड़ी परियोजनाओं के वित्तपोषण की ज़रूरतों को पूरा करने में असमर्थ है।
- कोविड-19 महामारी से उत्पन्न आर्थिक संकट: कोविड-19 महामारी ने असमानता, गरीबी की खाई, बेरोज़गारी और अर्थव्यवस्था की धीमी गति जैसी समस्याओं में वृद्धि की है।
- इस प्रकार DFI के माध्यम से बुनियादी ढाँचे का निर्माण त्वरित आर्थिक सुधार में मदद कर सकता है।
- अंतर्राष्ट्रीय उदाहरण: दुनिया भर के देशों ने प्रमुख आधारभूत अवसंरचना और विनिर्माण परियोजनाओं के वित्तपोषण हेतु विकास बैंक स्थापित किये हैं।
- उदाहरण के लिये, यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक (EIB) यूरोप के लिये DFI की तरह कार्य करता है।
निष्कर्ष
भारत जैसे विकासशील देश के लिये, यह वांछनीय है कि नया DFI दीर्घकालिक विकास वित्तपोषण आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होने के लिये व्यवहार्य और टिकाऊ बना रहे।
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