भूकंपीय तरंगें क्या हैं? विभिन्न प्रकार की भूकंपीय तरंगों का विस्तृत विवरण दीजिये।
उत्तर :
दृष्टिकोण
- भूकंपीय तरंगों की उत्पत्ति और उनके प्रकारों का परिचय देकर उत्तर की शुरुआत कीजिये।
- विभिन्न प्रकार की भूकंपीय तरंगों और उनकी विशेषताओं पर चर्चा कीजिये।
- उपयुक्त निष्कर्ष लिखिये।
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परिचय
भूकंप के दौरान भूकंपीय तरंगें उत्पन्न होती हैं जो केंद्र से सभी दिशाओं में बाहर की ओर प्रसारित होती हैं। भूकंपीय तरंगें तीन प्रकार की होती हैं (i) P तरंगें या प्राथमिक तरंगें, (ii) S तरंगें या द्वितीयक तरंगें और (iii) L तरंगें या सतही तरंगें।
भूकंपीय तरंगों के प्रकार और उनकी विशेषताएँ
- P तरंगें या प्राथमिक तरंगें:
- ये संपीडन तरंगें हैं जो चट्टान के कणों के अनुदैर्ध्य दिशा में कंपन करने के कारण बनती हैं।
- P तरंगों की गति सबसे तेज होती है इसलिये वे पहले भूकंपीय स्टेशन पर पहुँचती हैं।
- इनका वेग S तरंगों के वेग से 1.7 गुना होता है।
- वे ठोस के साथ-साथ द्रव माध्यम से भी गुजर सकती हैं।
- S तरंगें या द्वितीयक तरंगें:
- ये अपरूपण तरंगें हैं जो प्रकृति में अनुप्रस्थ होती हैं।
- ये केवल ठोस पदार्थों से ही गुजर सकती हैं।
- L तरंगें या सतही तरंगें:
- जब P और S तरंगें पृथ्वी की सतह पर पहुँचती हैं तो वे L तरंगों में परिवर्तित हो जाती हैं।
- L तरंगें सतह के समानांतर चलती हैं और भूकंप का कारण बनती हैं।
- यह अनुप्रस्थ प्रकृति की होती हैं और उनका वेग P और S तरंगों से बहुत कम होता है।
निष्कर्ष
L तरंगें भूकंप उत्पन्न करने के लिये उत्तरदायी होती हैं जबकि P और S तरंगों का मुख्य महत्त्व पृथ्वी के आंतरिक भाग के अध्ययन में होता है। P और S तरंगें पृथ्वी के आंतरिक भाग से होकर गुजरती हैं और विभिन्न माध्यमों की एक परत में प्रवेश करते ही परावर्तित और अपवर्तित हो जाती हैं।