यदि भारत लैंगिक असमानता को दूर करने का लक्ष्य प्राप्त करना चाहता है तो इसे एक नारीवादी विदेश नीति फ्रेमवर्क को अपनाने पर विचार करना चाहिये। चर्चा कीजिये।
17 May, 2021 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंध
दृष्टिकोण
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परिचय
नारीवादी विदेश नीति (एफएफपी) को एक राजनीतिक फ्रेमवर्क के रूप में पहली बार वर्ष 2014 में स्वीडन द्वारा पेश किया गया था और इसे अपनाने की वकालत की गई थी। एफएफपी कूटनीति एवं सुरक्षा तीन मुख्य नारीवादी सिद्धांतों पर कार्य करता है: सुरक्षा की व्यापक समझ, अंतर्राष्ट्रीय शक्ति संबंधों का संतुलन एवं महिलाओं के लिये राजनीतिक एजेंसी।
भारत को एफएफपी फ्रेमवर्क की आवश्यकता क्यों है?
निष्कर्ष
भारतीय संदर्भ में एफएफपी फ्रेमवर्क का निर्माण न केवल हमारी विदेश नीति की प्रक्रिया को नया दृष्टिकोण प्रदान करेगा बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर एक उदाहरण की तरह देखा जाएगा कि भारत जैसा एक विकासशील लोकतांत्रिक राष्ट्र जिसकी जड़ों में पितृसत्ता मज़बूती से जमी हुई है, किस प्रकार एक एफएफपी फ्रेमवर्क को अपनाने पर विचार कर सकता है।
इसलिये यदि भारत चाहता है कि लैंगिक असमानता को दूर करने का लक्ष्य प्राप्त कर सके तो भारत को एक नारीवादी विदेश नीति (एफएफपी) फ्रेमवर्क को अपनाने पर विचार करना चाहिये।