‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की विश्व बंधुत्व की धारणा सभी पंथों व नस्लों को सौहार्द्रता के साथ जीने का आधार प्रदान करती है, लेकिन वर्तमान में यजदी समुदाय जिस शोषण व हिंसा का शिकार है, वह कहीं-न-कहीं इस धारणा पर प्रश्नचिह्न लगाता है। यजदी समुदाय के धार्मिक विश्वासों का उल्लेख करते हुए उक्त कथन की व्याख्या कीजिये।
08 May, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 1 संस्कृति
उत्तर की रूपरेखा:
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‘वसुधैव कुटुंबकम’ की अवधारणा व्यक्ति को समस्त विश्वरूपी परिवार का सदस्य बनाती है। यह हमें समस्त प्राणियों के दुःख को अपना दुःख समझने तथा अपनी खुशी को प्रत्येक से साझा करने का संदेश देती है।
परंतु वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अगर देखा जाए इस अवधारणा में कई विरोधाभास दृष्टिगोचर होते हैं। जैसे, पश्चिमी एशियाई देशों विशेषकर इराक में यजीदी समुदाय के लोगों का शोषण।
यजीदी समुदाय के धार्मिक विश्वास निम्नलिखित हैं:
ऐसी भावना स्पष्ट रूप से वसुधैव कुटुंबकम की धारणा (जो कि सभी के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की कामना करती है) के विरुद्ध है। यजीदी समुदाय के संरक्षण एवं पुनर्वास के लिये समुचित अंतर्राष्ट्रीय प्रयास किये जाने चाहिये। वसुधैव कुटुंबकम् की अवधारणा वैश्विक परिवार के प्रत्येक सदस्य की सुरक्षा को भी प्रेरित करती है।