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प्रश्न :
राज्य में चुनाव घोषित हो चुके हैं। चुनाव आचार संहिता के अनुसार, सभी बड़े निर्णयों पर रोक लगा दी गई है। इस स्थिति में मुख्य सचिव, दीपंकर प्रकाश को राज्य के कुछ हिस्सों में बारिश की विफलता से उत्पन्न एक नाजुक समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इस स्थिति में किसानों को सिंचाई पंप सेट चलाने में सक्षम बनाने के लिये अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति की जानी चाहिये। पेयजल आपूर्ति की समस्याओं से निपटने के लिये भी बिजली की आवश्यकता है। इस स्थिति ने सार्वजनिक असंतोष को जन्म दिया और मुख्यमंत्री को पता था कि यह पार्टी की चुनाव संभावनाओं को प्रभावित भी करेगा। हालाँकि राज्य के पास उत्पादन क्षमता न होने के कारण बिजली को उच्च लागत पर खरीदना पड़ता है। इसके अलावा राज्य बिजली बोर्ड के पास धन भी नहीं है। आकस्मिक निधि से बड़ी राशि निकालकर ही बोर्ड को फंड दिया जा सकता है।
इस स्थिति में मुख्यमंत्री ने दीपंकर प्रकाश से मामले के बारे में कुछ निर्णय लेने को कहा है। अपने आप को मुख्य सचिव मानते हुए इस स्थिति में उपलब्ध विभिन्न विकल्पों पर चर्चा कीजिये और बताइये कि आप इस मामले में कैसे प्रतिक्रिया देंगे?
16 Apr, 2021 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़उत्तर :
दीपंकर प्रकाश निम्नलिखित वैकल्पिक सलाहों के बारे में सोच सकते हैं:
1. मुख्यमंत्री को बताएँ कि चुनाव प्रक्रिया जारी होने के कारण वह कुछ नहीं कर सकते।
- इस विकल्प को चुनने से दीपंकर प्रकाश सुरक्षित रहेंगे।
- चूँकि वह कोई पहल नहीं कर रहे हैं और चुनाव पूरा होने तक एक निर्णय को स्थगित कर रहे हैं इसलिये कोई भी राजनीतिक दल उन पर पक्षपात का आरोप नहीं लगाएगा।
- हालाँकि यह दृष्टिकोण अनुचित है क्योंकि राज्य प्रशासन (और इसके प्रमुख मुख्य सचिव) लोगों की वास्तविक कठिनाइयों को चुनाव प्रक्रिया जारी रहने के आधार पर अनदेखा नहीं कर सकता है।
2. मुख्यमंत्री को आवश्यक अनुमोदन के लिये चुनाव आयोग से संपर्क करने की सलाह दें।
- इस विकल्प को चुनने से पलायनवादी रवैया परिलक्षित होगा क्योंकि मुख्य सचिव को सिर्फ चुनाव आयोग के भरोसे मामला नहीं छोड़ना चाहिये।
- इसके अलावा यह सलाह निरर्थक है क्योंकि मुख्यमंत्री को स्थिति के बारे में पता है और वे चाहते हैं कि मुख्य सचिव कोई रास्ता निकाले।
3. एक उदार ऋण की व्यवस्था करें और पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर बिजली उपलब्ध कराएँ।
- यह विकल्प फिर से अनुचित है। जैसे-जैसे चुनाव समीप आते हैं, लोगों को कोई अतिरिक्त सुविधा और लाभ नहीं दिया जाना चाहिये।
- इसके अलावा राज्य प्रशासन द्वारा बिजली की आपूर्ति हेतु खरीद का उपयोग चुनाव में भाग लेने वाली सरकार द्वारा जनमत को अपने पक्ष में करने में किया जा सकता है।
- सामान्य वर्षा वाले इन क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति में वृद्धि के बारे में कोई भी निर्णय निर्वाचित सरकार पर छोड़ दिया जाना चाहिये, जो कि चुनावों के बाद कार्यभार संभालेगी।
4. बिजली बोर्ड हेतु एक अस्थायी ऋण की व्यवस्था करें और राज्य के उन क्षेत्रों को अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति कराएँ जो वास्तव में अपर्याप्त वर्षा के प्रतिकूल प्रभावों का सामना कर रहे हैं।
- यह विकल्प उपयुक्त है, क्योंकि यह त्वरित कार्रवाई की ओर जाता है और विस्तृत व समय लेने वाली वित्तीय जाँच से भी बचाता है।
- यह प्रभावित लोगों की वास्तविक ज़रूरतों पर ध्यान केंद्रित करता है।
- इस कार्रवाई पर कोई भी आपत्ति नहीं कर सकता है।
- कानून और शिष्टता के दायरे में रहते हुए मुख्य सचिव मुख्यमंत्री के निर्देशों को संभव सीमा तक लागू करेंगे।
निष्कर्ष
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव एक कार्यशील लोकतंत्र का मूल आधार है। हालाँकि प्रशासन का लिये गैर-पक्षपाती रवैया इसे संभव बनाता है। इसे देखते हुए अंतिम विकल्प मुख्य सचिव हेतु एक उपयुक्त विकल्प होगा।
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