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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    राष्ट्रपति फ्रैकलिन रूजवेल्ट की न्यू डील (New Deal) की चर्चा करते हुये आर्थिक मंदी के प्रभावों का उल्लेख करें।

    12 Apr, 2021 रिवीज़न टेस्ट्स इतिहास

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण-

    • भूमिका
    • न्यू डील क्या है?
    • प्रभावों की चर्चा
    • समाधान
    • निष्कर्ष

    प्रथम विश्व युद्ध के बाद विश्व को आर्थिक रूप से काफी क्षति उठानी पड़ी। वाल स्ट्रीट (अमेरिक शेयर बाजार) सूचकांको में भारी गिरावट के कारण वस्तुओं एवं सेवाओं की कीमतों में गिरावट आने लगी। कारखानों के बंद होने से लाखों लोग बेरोज़गार हो गये और देखते-देखते यूरोप से संपूर्ण विश्व में फैल गयी जिसे विश्व व्यवस्था में आर्थिक मंदी के नाम से जाना गया।

    विश्व में आर्थिक मंदी के कारण-

    • लिप्सन के अनुसार आर्थिक क्रियाओं में एक नियत समय में व्यापार चक्र में उतार-चढ़ाव आता रहता है। 1929 का आर्थिक मंदी इसी का परिणाम थी।
    • कृषि और उद्योगों के मशीनीकरण के कारण रोज़गारों में कमी आने लगी जबकि इसके विपरित उत्पादन अधिक होने लगा परंतु विनिर्मित उत्पादों की खपत नहीं हो पाई जिससे मांग एवं पूर्ति में असंतुलन उत्पन्न हुआ।
    • संयुक्त राज्य अमेरिका तथा यूरोप के बीच व्यापार असंतुलन की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी और यह व्यापार संतुलन अमेरिका के पक्ष में चला गया था कहा जाता है कि यूरोप द्वारा लिये गये कर्ज़ की अदायगी अमेरिका को स्वर्ण के रूप में की जाने लगी और लगभग वैश्विक स्वर्ण का 60% अमेरिका के पास जमा हो गया। अतः स्वर्ण सिक्कों के मौद्रिक मूल्य बढ़ने से दूसरी वस्तुओं की कीमतों में गिरावट आने लगी जिससे व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
    • प्रथम विश्व युद्ध के बाद यूरोप के आर्थिक पुनर्निर्माण कार्यक्रम अमेरिका के निवेश पर निर्भर थे परंतु अमेरिका निवेश करने में सफल नहीं हो सका।
    • संकुचित राष्ट्रीय हितों पर आधारित नीतियों, विभिन्न देशों द्वारा वास्तुओं पर आयात शुल्क लगाना, संरक्षणवादी नीतियाँ अपनाना आदि ने व्यापार की निरंतरता को कम कर दिया जिससे व्यापार संकुचित होने लगा।
    • विश्व आर्थिक मंदी को तात्कालिक घटना के रूप में अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट को माना जाता है। 1929 में शेयरों की कीमतें गिरने से लोगों में शेयर बेचने के लिये होड़ लग गयी जिससे बाज़ार और नीचे चला गया तथा अमेरिका ने यूरोपीय देशों को ऋण देने पर पूर्णतः रोक लगा दी जिससे अर्थव्यवस्था चौपट हो गयी और इस घटना ने पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया।

    इस आर्थिक संकट को दूर करने के लिये निम्न प्रयास किये गये -

    • यूरोपीय संघ की स्थापना का प्रस्ताव तथा एक समीति गठित करने की मांग।
    • 1932 में लोसान में सम्मेलन।
    • 1933 में हुये सम्मेलन में मुद्रा स्थिरता और सीमा शुल्क विषयों पर सहमति बनाने का प्रयास किया गया।
    • कर प्रणाली एवं सरकारी व्यय को आर्थिक मंदी के एक समाधान के रूप में प्रस्तुत किया।

    अतः मंदी से उबरने के कई प्रयास किये गये परंतु इस क्षेत्र में व्यावहारिक समाधान अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रूजवेल्ट ने दिया। रूजवेल्ट ने अपने-यू डील नीति के अंतर्गत कहा कि “हमारे भीतर भय की एक ऐसी भावना जो हमें अत्याधि्क भयभीत कर रही है।” और इसी भय को दूर करने के लिये “मैं देश को एक नया व्यवहार (New Deal) दूंगा।” यह New Deal वैश्विक आर्थिक मंदी से निपटने में सहायक होगा। रूजवेल्ट के कठोर एवं साहसी प्रयासों से अर्थव्यवस्था में आत्मविश्वास लौटा और अमेरिका आर्थिक मंदी से तेजी से उबरकर बाहर आया। रूजवेल्ट ने New Deal के तहत तीन लक्ष्य निर्धारित किये थे।

    (i) सहायता (Relief)
    (ii) पुनर्प्राप्ति (Recovery)
    (iii) सुधार (Reform)

    इसे रूजवेल्ट ने 3R से संबोधित किया। इसके अंतर्गत कई कार्य किये गय जिसमें औद्योगिक क्षेत्र को आर्थिक संकट से निकालने के लिये राष्ट्रीय औद्योगिक पुनरूत्थान अधिनियम (NIRA) लाया गया जिसके अंतर्गत व्यापार एवं उत्पादन का निगमन किया गया, मज़दूरी दर में वृद्धि की गयी, काम के घंटों में कमी की गयी। इसके परिणामस्वरूप मात्र एक ही वर्ष में रोज़गार में 37 प्रतिशत तो मज़दूरी में 25 प्रतिशत की वृद्धि देखी गयी।

    कृषि अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिये किसानों की क्रय शक्ति में वृद्धि की गयी इसके लिये “कृषि समायेाजन कानून” लाया गया। किसानों को ऋण प्रदान कर एवं आपात कृषि भूमि बंधक अधिनियम पारित कर किसानों को ऋणग्रस्तता से उबारने का प्रयास किया गया। इसका परिणाम यह हुआ मात्र दो वर्षो में ही किसानों की आय में दोगुनी वृद्धि हुयी।

    सामाजिक पुनरुत्थान नीत में संघ द्वारा राज्यों को प्रत्यक्ष अनुदान देने की घोषणा, वृद्धावस्था पेंशन, स्वास्थ्य सेवा का विकास किया गया। बेरोजगारी भत्ता उपलब्ध कराया गया तथा संयुक्त राष्ट्र आवास प्राधिकरण की स्थापना कर आवास सुविधा उपलब्ध करायी गयी एवं टेनिस घाटी परियोजना (TVA) लाकर टेनिस नदी के समीपवर्ती क्षेत्त्रों का विकास एवं प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करने में किया।

    मुद्रा एवं साख व्यवस्था को मज़बूत करने के लिये मुद्रा स्फीति अधिनियम 1933 पारित कर संघीय रिज़र्व बैंक को अतिरिक्त मुद्रा जारी करने का अधिकार दिया, संघीय जमा बीमा निगम की स्थापना की गयी तथा सबसे प्रमुख स्वर्णमान का परित्याग कर निर्यात में वृद्धि के लिये डॉलर का अवमूल्यन किया गया।

    इस प्रकार रूजवेल्ट ने अपनी New Deal नीति से अमेरिका को आर्थिक संकट से बाहर निकाला जिससे किसानों की आय बढ़ी उद्योगों का उत्पादन बढ़ा जिसमें बेरोज़गारों को रोज़गार मिला। अतः कहा जा सकता है कि रूजवेल्ट ने अपने New Deal नीति में सफलता प्राप्त की। परंतु इस संकट ने कई परिणाम उत्पन्न किये जिनमें अधिनायकवाद तथा फासिस्टवादी शक्तियों का उत्थान, आर्थिक संकट ने लोकतंत्रीय प्रणाली पर तीव्र प्रहार, आर्थिक राष्ट्रीयता का प्रबल हुआ, राजकीय नियंत्रण में वृद्धि, राष्ट्र संघ को अघात, जापान में सैन्यवाद का प्रसार तथा साम्यवाद को लोकप्रियता आदि प्रभाव देखा गया।

    इस प्रकार आर्थिक मंदी ने पूरे विश्व को प्रभावित किया जिससे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एवं सद्भावना का समूल नाश हो गया और इसने विभिन्न राष्ट्रों के बीच शंका एवं विश्वास की भावना का उदय हुआ और उनमें शस्त्र के निर्माण के लिये होड़ लग गयी जिसने विश्व को पुनः एक नये युद्ध के लिये तैयार कर दिया।

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