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प्रश्न :
‘श्रेणी भूकंप’ (Earthquake Swarms) पद की व्याख्या कीजिये। ये आफ्टरशॉक् और फोरशॉक् से किस प्रकार अलग हैं।
12 Mar, 2021 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोलउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- संक्षेप में भूकंप शब्द को परिभाषित करते हुए उत्तर की शुरुआत करें।
- आफ्टरशॉक्स और फोरशॉक्स के बारे में चर्चा करें।
- श्रेणी भूकंप की विशेषताओं पर चर्चा करें और उनकी तुलना आफ्टरशॉक्स और फोरशॉक्स से करें।
- संक्षिप्त निष्कर्ष दें।
श्रेणी भूकंप छोटे भूकंपों का एक अनुक्रम है, जिसमें साफ तौर पर पहचाना जा सकने वाला विशेष मेनशॉक नहीं होता है। श्रेणी भूकंप कई सप्ताह तक रह सकते हैं और अपेक्षाकृत कम परिमाण में हज़ारों भूकंप उत्पन्न कर सकते हैं।
आफ्टरशॉक्स एवं फोरशॉक्स:
फोरशॉक्स वे भूकंप हैं, जो बड़े भूकंप से पहले एक ही स्थान पर आते हैं। एक फोरशॉक् भूकंप की पहचान तब तक नहीं की जा सकती है जब तक कि उस क्षेत्र में बड़ा भूकंप न आ जाए।
आफ्टरशॉक् एक मेनशॉक् या बड़े भूकंप के आने के बाद उसी स्थान पर छोटे-छोटे भूकंपीय झटके आते हैं।
जब भूकंप आता है, तो भूकंप के आसपास की स्थिति नाटकीय रूप से तनावग्रस्त क्षेत्र में बदल जाती है। पृथ्वी अपने संतुलन की अवस्था में वापस आना चाहती है और इसी कारण आफ्टरशॉक् की प्रक्रिया होती है।
आफ्टरशॉक्स समय के साथ कम होते जाते हैं, हालाँकि वे दिन, सप्ताह, महीने या यदि भूकंप काफी बड़ा रहा हो तो वर्षों तक जारी रह सकते हैं।
श्रेणी भूकंप की विशेषताएँ:
श्रेणी भूकंप कम परिमाण के भूकंपों की एक शृंखला है जो एक स्थानीय क्षेत्र में सप्ताह से लेकर महीनों तक की अवधि के दौरान देखे जाते हैं।
जब भूकंपीय ऊर्जा पृथ्वी के अंदर इकट्ठा हो जाती है और कुछ बिंदुओं से थोड़ी-थोड़ी मात्रा में निकलती है तो भूकंप की एक शृंखला का निर्माण होता है।
श्रेणी भूकंप काफी मात्रा में और कम परिमाण के साथ आते हैं जो उस "नियम" का पालन नहीं करते हैं जिसका पालन आफ्टरशॉक्स करते हैं। कभी-कभी यह गड़गड़ाहट या ध्वनि उत्सर्जन के साथ भी उत्पन्न होते हैं।
श्रेणी भूकंप ज्वालामुखियों में सक्रिय होते हैं, जिसके कारण ज्वालामुखी फटने के लिये तैयार रहते हैं, श्रेणी भूकंप पृथ्वी की सतह के नीचे पिघले हुए मैग्मा की मौजूदगी का संकेत हो सकते हैं। हालाँकि सभी श्रेणी भूकंप मैग्मा और ज्वालामुखी से जुड़े नहीं होते हैं, इसका कारण विवर्तनिक बल भी हो सकता है।
उदाहरण के लिये भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के दक्कन पठार क्षेत्र में भूकंपीय तरंगों का अनुभव होने का कारण विवर्तनिक गतिविधियाँ हैं।
यह ऐसे मुख्य भूकंप का पूर्वाभास है जिसका परिमाण बहुत अधिक हो सकता है।
निष्कर्ष
भूकंपीय गतिविधियों को एक बड़े भूकंप एवं उसके बाद आफ्टरशॉक् के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है या श्रेणी भूकंप के रूप में। दोनों ही पृथ्वी की सतह के अंदर भूकंपीय गतिविधि को दर्शाते हैं।
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