भारतीय प्रवासी वैश्विक शक्ति के रूप में भारत की क्षमता को प्रदर्शित करने के लिये अपेक्षित रणनीतिक गति प्रदान कर सकते हैं। चर्चा कीजिये।
09 Mar, 2021 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था
हल करने का दृष्टिकोण:
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ग्लोबल माइग्रेशन रिपोर्ट 2020 के अनुसार, दुनिया भर में भारत के 17.5 मिलियन प्रवासी हैं। भारत अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों के मामले में सबसे बड़ा देश है। साथ ही भारत को विदेशों में रहने वाले भारतीयों से $ 78.6 बिलियन का रेमिटेंस प्राप्त हुआ।
हालाँकि न केवल आर्थिक बल्कि महत्त्वपूर्ण रणनीतिक सौदों की पैरवी करने में भी उनकी भूमिका देखी गई है। विदेशों में भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने में भी इनकी भूमिका महत्त्वपूर्ण है। भारतीय प्रवासियों ने भारत को सॉफ्ट पावर बनने में मदद की है।
भारतीय प्रवासियों का महत्त्व
आर्थिक पहलू: प्रवासी अकुशल श्रमिकों (विशेषकर पश्चिम एशिया में) से भारत को उच्च रेमिटेंस प्राप्त होता है, जिससे भुगतान संतुलन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
क्रॉस-नेशनल नेटवर्क के माध्यम से भारतीय प्रवासियों ने सूचना, वाणिज्य और व्यावसायिक विचारों तथा प्रौद्योगिकियों को भारत लाने में सहायता प्रदान की है।
कूटनीतिक लगाव: भारतीय प्रवासी कई विकसित देशों में सबसे अमीर अल्पसंख्यकों में से है। इससे देश की कूटनीति को आगे बढ़ाने में मदद मिली है। उदाहरण के लिये भारत-यू.एस. परमाणु सौदा।
भारत की सॉफ्ट पावर को बढ़ाना: भारतीय मूल्यों, संगीत, घरेलू व्यंजनों और पारंपरिक प्रथाओं के माध्यम से भारतीय प्रवासियों ने भारत को एक ब्रांड के रूप में स्थापित करने में मदद की है।
21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता प्राप्त होना भारत की नरम शक्ति को बढ़ाने का एक उदाहरण है।
राजनीतिक पहलू: भारतीय प्रवासी केवल भारत की सॉफ्ट पावर का हिस्सा नहीं हैं बल्कि पूरी तरह से हस्तांतरणीय राजनीतिक वोट बैंक भी है।
भारतीय मूल के अनेक लोग कई देशों में शीर्ष राजनीतिक पदों पर आसीन हैं, अमेरिका में वे अब रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स के साथ सरकार का महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं।
इससे द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूती प्रदान करने में मदद मिलती है।
निष्कर्ष
विदेश मंत्रालय द्वारा "प्रवासी कूटनीति" को औपचारिक रूप से मान्यता प्रदान करना इस बात का संकेत है कि देश का प्रवासी समुदाय विदेश नीति और संबंधित सरकारी गतिविधियों के लिये काफी महत्त्वपूर्ण है।