नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    औद्योगिक क्रांति में सहायक विज्ञान एवं तकनीक की पृष्ठभूमि पर चर्चा करते हुए कृषि क्षेत्र में होने वाले परिवर्तनों पर प्रकाश डालें ?

    12 May, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोल

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा:

    • औद्योगिक क्रांति का परिचय
    • विज्ञान एवं तकनीक की पृष्ठभूमि
    • कृषि क्षेत्र में होने वाले महत्त्वपूर्ण परिर्वतन
    • इनका अंतर्संबंध

    औद्योगिक क्रांति की शुरुआत 18वीं सदी के उत्तरार्द्ध में सर्वप्रथम इंग्लैंड में हुई। वैज्ञानिक अविष्कारों ने मशीनी युग की शुरुआत की जिससे उत्पादन बढ़ा आधुनिक व्यापार तंत्र का विकास हुआ। इंग्लैंड के बाद धीरे-धीरे विश्व के शेष भागों में भी इसका प्रसार हुआ।

    मध्ययुगीन स्थिर सामंती समाज के संकीर्ण विचारों ने यूरोप में विज्ञान के क्षेत्र में विकास का अवरुद्ध किया। किंतु कृषि योग्य भूमि के विस्तार और बेहतर उपयोग करने तथा कामगारों की कमी के कारण कई तकनीकी अविष्कार हुए। सामंती अर्थव्यवस्था अब पूँजीवादी अर्थव्यवस्था में बदल रही थी। तकनीकी अविष्कारों ने परिवर्तन को प्रोत्साहन दिया। अब प्रयोगात्मक विज्ञान के नए तरीकों का आमजीवन में प्रसार शुरु हो गया।

    विज्ञान ने औद्योगिक क्रांति के लिये सीधी भूमिका नहीं निभाई पर प्रौद्योगिकी ने यह भूमिका अवश्य अदा की। प्रौद्योगिकी की समझ विज्ञान पर ही निर्भर थी। जैसे- प्रौद्योगिकी विकास में न्यूटन के गति, बल, शक्ति और ऊर्जा आदि सिद्धांतों ने अत्यधिक योगदान दिया।इस समझ के बिना भाप के इंजन का अविष्कार न होता जो पूरी औद्योगिक क्रांति का केंद्र था।

    यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि कृषि क्रांति के बिना औद्योगिक क्रांति नहीं होती। कारखाना प्रणाली के विस्तार के साथ शहरों की आबादी बढ़ी, जिससे गाँव के किसानों को शहर में रहने वालों के लिये भी अधिक अन्न और कारखानों के लिये अधिक कपास उत्पादन करना पड़ा। कृषिजन्य वस्तुओं की मांग बढ़ने से कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिक तरीकों से काम करने और कृषि उपयोगी मशीनों को बनाने की आवश्यकता का अनुभव किया जाने लगा। अब लोग घरेलू आवश्यकताओं हेतु खेती करने के स्थान पर पूँजीगत मुनाफा प्राप्त करने के लिये खेती करने लगे। इस प्रकार कृषि उत्पादन में हुई वृद्धि का औद्योगिक विकास से गहरा संबंध रहा। इस समय जनसंख्या का वह भाग, जिसका अन्न उपजाने से कोई संबंध नहीं था, तेज़ी से बढ़ा। मजदूरी की मांग, पौष्टिक भोजन, स्वास्थ्य में उन्नति, दुर्भिक्ष की समाप्ति आदि कारणों से जनसंख्या वृद्धि से वस्तुओं की मांग बढ़ी, जिससे उत्पादन क्षमता बढ़ाने को विशेष प्रोत्साहन मिला।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow