बिना आर्थिक समृद्धि के सामाजिक न्याय नहीं हो सकता, किंतु बिना सामाजिक न्याय के आर्थिक संवृद्धि निरर्थक है।
प्रश्न का उत्तर जल्द ही प्रकाशित होगा।