विज्ञान हमारे जीवन में गहराई तक कैसे गुथा हुआ है? विज्ञान-आधारित प्रौद्योगिकियों द्वारा कृषि में उत्पन्न हुए महत्त्वपूर्ण परिवर्तन क्या हैं? (UPSC GS-3 Mains 2020)
23 Feb, 2021 सामान्य अध्ययन पेपर 3 विज्ञान-प्रौद्योगिकी
हल करने का दृष्टिकोण:
|
अधिकतर लोगों का विश्वास है कि विज्ञान एक सामूहिक उपलब्धि है। विज्ञान ने छोटे से लेकर बड़े स्तर तक मनुष्य के जीवन के हर पहलू को प्रभावित किया है। कृषि में परिवर्तन लाने में विज्ञान आधारित प्रौद्योगिकी की भूमिका इसका एक उदाहरण है।
विज्ञान आधारित प्रौद्योगिकी का कृषि पर प्रभाव:
हरित क्रांति: 1960 के दशक में हरित क्रांति के दौरान भारत ने कृषि में आधुनिक तरीकों जैसे कि बेहतर गुणवत्ता के बीज, उचित सिंचाई, रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों के उपयोग से खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त की थी।
जीएम फसल: आनुवंशिक रूप से संशोधित (जीएम) फसलों को उत्पादकता और खाद्य सुरक्षा बढ़ाने के लिये कई विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नवाचारों में से एक माना जाता है।
प्रिसिज़न (Precision) कृषि: सूचना और संचार प्रौद्योगिकी एवं मोबाइल प्रौद्योगिकी फसल सिंचाई प्रणालियों की निगरानी और नियंत्रण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
यदि निकट भविष्य में आधुनिक कृषि को व्यापक रूप से लागू किया जाता है, तो लाखों किसान वास्तविक समय पर कृषि से संबंधित सूचनाएँ प्राप्त कर लाभान्वित हो सकेंगे।
सतत् कृषि: दुनिया भर में कृषि के व्यावसायीकरण की वजह से रासायनिक उर्वरकों का काफी अधिक उपयोग, व्यापक मशीनीकरण आदि के कारण वर्तमान कृषि पद्धति पर्यावरण के लिये हानिकारक हो गई है।
कृषि विज्ञान में किये जा रहे शोध कृषि को अधिक स्थायित्व प्रदान कर सकते हैं।
निष्कर्ष
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एक वरदान है या अभिशाप, इस विषय पर बहस कभी खत्म होने वाली नहीं है। कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के भविष्य की भविष्यवाणी करना मुश्किल है लेकिन कई आशाजनक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं और कई पायलट परियोजनाओं का रुझान भी संतोषजनक है।