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प्रश्न :
अमेरिका एवं यूरोपीय देशों की राजनीति एवं अर्थव्यवस्था में भारतीय प्रवासियों को एक निर्णायक भूमिका निभानी है। उदाहरणों सहित टिप्पणी कीजिये। (150 शब्द)
02 Feb, 2021 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंधउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- भारतीय प्रवासी के महत्त्व पर संक्षेप में चर्चा करते हुए उत्तर शुरू करें।
- इस बात पर चर्चा करें कि भारतीय प्रवासी अमेरिका और यूरोपीय देशों की राजनीति एवं अर्थव्यवस्था को किस प्रकार प्रभावित करते हैं?
- उचित निष्कर्ष लिखें।
भारतीय प्रवासियों का अलग-अलग देशों में विस्तार तीन चरणों में हुआ है, सबसे पहले औपनिवेशिक शक्तियों द्वारा भारतीयों को श्रमिकों (जैसे- श्रीलंका, कैरेबियाई द्वीप, फिजी) के रूप में काम करने के लिये अलग-अलग उपनिवेशों में ले जाया गया। दूसरे चरण में भारतीय बेहतर आर्थिक अवसरों की तलाश में अमेरिका और कई यूरोपीय देशों में गए और तीसरे चरण में कुशल और अर्द्ध-कुशल मज़दूरों के रूप में खाड़ी देशों में गए।
वर्तमान में भारतीय प्रवासी विकसित देशों में भारत के सॉफ्ट पॉवर और एजेंट दोनों हैं। वे इन देशों की गतिशीलता को प्रभावित करने में एक प्रभावी कारक हैं।
अमीर अल्पसंख्यक समूह: भारतीय प्रवासी कई विकसित देशों में सबसे अमीर अल्पसंख्यकों में से एक हैं, इससे उन्हें भारत के हित में अनुकूल शर्तों पर लॉबिंग करने में मदद मिलती है।
उदाहरण के लिये 2013 में हुए प्यू (Pew) सर्वेक्षण के अनुसार, अमेरिका में भारतीय आबादी (2.8 मिलियन) सिर्फ 1% है लेकिन यह सबसे अधिक शिक्षित और सबसे अमीर अल्पसंख्यक है।
वोट बैंक: भारतीय प्रवासी केवल भारत की सॉफ्ट पॉवर का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि पूरी तरह से राजनीतिक वोट बैंक का भी हिस्सा हैं।
मैडिसन स्क्वायर गार्डन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सदस्यों को धन्यवाद देने का एक तरीका था, जिन्होंने उनके चुनाव से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक अभियान और फंडिंग में एक बड़ी भूमिका निभाई।
राजनीतिक स्थिति में भारतीय प्रवासी: भारतीय मूल के अनेक लोग कई देशों में शीर्ष राजनीतिक पदों पर हैं, अमेरिका में भी वे अब रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स के साथ सरकार का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं।
अभी हाल ही में अमेरिका की नवनिर्वाचित उप राष्ट्रपति कमला हैरिस भारतीय मूल की हैं।
विदेश नीति के निर्णय को प्रभावित करना: भारत-अमेरिका सिविल न्यूक्लियर डील एक ऐसा मामला है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय मूल के निवासियों ने न्यूक्लियर डील के लिये सफलतापूर्वक पैरवी की।
भारतीय पहचान: अमेरिका और यूरोप में भारतीय प्रवासी एक प्रभावी सार्वजनिक कूटनीतिक उपकरण के रूप में कार्य करते हैं एवं उन्हें स्थानीय लोगों के साथ काम करने के लिये नैतिकता, अनुशासन, गैर-हस्तक्षेप और शांतिपूर्ण जीवन के लिये स्वीकार किया जाता है।
ये मूल्य अंततः विकसित दुनिया में भारतीयों की पहचान और बेहतर छवि निर्माण में योगदान करते हैं।
भारतीय प्रवासन की नई लहर: अमेरिका और यूरोपीय देशों में भारतीय मुख्य रूप से छात्र प्रवेश कार्यक्रमों, एच -1 बी वीज़ा कार्यक्रम के लाभार्थी, परिवार-आधारित वरीयता और अस्थायी श्रमिक वीज़ा कार्यक्रमों के माध्यम से प्रवास करते हैं।
वर्तमान में भारतीय प्रवासियों में युवा उच्च शिक्षित हैं एवं विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग तथा गणित (STEM) आदि क्षेत्रों में कार्यरत हैं।
निष्कर्ष
वर्तमान में भारतीय प्रवासी पहले की तुलना में अधिक समृद्ध हैं और भारत के विकास में उनकी भागीदारी बढ़ती जा रही है। भारत को प्रवासी भारतीयों के साथ बेहतर संबंध स्थापित करना चाहिये जिससे सॉफ्ट पॉवर और छवि निर्माण में मदद मिलेगी।
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