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प्रश्न :
व्यापक राष्ट्रीय शक्ति (सी.एन.पी.) के तीन मुख्य घटकों जैसे मानव पूंजी, मृदु शक्ति (संस्कृति और नीतियाँ) तथा सामाजिक सद्भाव की अभिवृद्धि में नीतिशास्त्र और मूल्यों की भूमिका का विवेचन कीजिये। (150 शब्द) (UPSC GS-4 Mains 2020)
14 Jan, 2021 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- उत्तर की शुरुआत नैतिकता एवं मूल्यों का महत्त्व बताते हुए करें।
- पुन: नैतिकता एवं मूल्यों का वर्णन करते हुए इनके महत्त्व के बारे में बताएँ।
- उचित निष्कर्ष लिखें।
नैतिकता हमें गलत की तुलना में सही, बुरे की तुलना में अच्छे का ज्ञान कराती है। नैतिक मूल्य (जैसे- ईमानदारी, भरोसेमंद, ज़िम्मेदारी) तर्कसंगत निर्णय लेने में मदद कर सकते हैं, चाहे वे व्यक्तिगत हों या सामाजिक अथवा राष्ट्रीय स्तर के हों।
मानव पूंजी बढ़ाने में नैतिकता और मूल्यों की भूमिका: व्यक्ति अपने पास उपलब्ध सभी विकल्पों में से किस विकल्प को चुनता है, यह उसकी नैतिकता से तय होता। लोगों को हमेशा कई दुविधाओं और विकल्पों का सामना करना पड़ता है जो उनके जीवन को प्रभावित करते हैं।
नैतिकता और मूल्य एक व्यक्ति को जागरूक करते हैं कि उसके द्वारा चुने गए विकल्प के अच्छे-बुरे परिणाम का असर उसके साथ-साथ दूसरों पर भी पड़ता है। इस प्रकार नैतिकता और मूल्य विश्वसनीयता का निर्माण करते हैं, उचित निर्णय लेने में सहायक होते हैं और दीर्घकालिक लाभ प्रदान करते हैं।
सामाजिक सद्भाव बढ़ाने में नैतिकता और मूल्यों की भूमिका: नैतिकता और मूल्य किसी व्यक्ति के चरित्र के बारे में सूचित करते हैं; किसी व्यक्ति को परिभाषित करने वाले गुणों के समुच्चय को नैतिकता कहते हैं। समाज पर भी यही सिद्धांत लागू होता है। नैतिकता और मूल्य व्यवहार का मानदंड विकसित करते हैं, जिनका पालन समाज में सभी को करना चाहिये। यदि प्रत्येक व्यक्ति का उद्देश्य स्वार्थ से परिपूर्ण हो तो समाज में अराजकता बढ़ सकती है।
हालाँकि अपने हितों के लिये कार्य करने में कुछ भी गलत नहीं है, एक नैतिक व्यक्ति अपने साथ-साथ समाज के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी का भी निर्वहन करता है। यहाँ तक कि कभी-कभी समाज के हित को स्वयं के हितों से ऊपर रखता है। इसके अलावा उच्च नैतिकता से समाज की सुरक्षा तय होती है, वहीं कई बार समाजिक जागरूकता के अभाव में कानून मूकदर्शक बना रहता है।
सॉफ्ट पॉवर बढ़ाने में नैतिकता और मूल्यों की भूमिका:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध काफी हद तक यथार्थवाद से प्रेरित होते हैं, जिसमें राष्ट्रीय हित सर्वोपरि होता है। हालाँकि राष्ट्रीय हित का पालन हमेशा हार्ड पॉवर (सैन्य शक्ति, आर्थिक शक्ति) से नहीं किया जा सकता। अत: सॉफ्ट पॉवर (संस्कृति और मूल्यों के कारण एक देश की छवि) दूसरों के हितों से समझौता किये बिना राष्ट्रीय हित को सुरक्षित करती है।
इस संबंध में नैतिकता और देश के प्राचीन मूल्य (उदाहरणतः भारत में वसुधैव कुटुंबकम् का विचार) राष्ट्रीय गौरव को पुनर्जीवित करते हैं और देश की शांतिपूर्ण छवि का निर्माण करते हैं।
निष्कर्ष
जैसा कि भारत के वर्तमान राष्ट्रपति ने कहा है कि राष्ट्र केवल सरकारों द्वारा नहीं बनाए जाते हैं। प्रत्येक नागरिक राष्ट्र का एक निर्माता होता है। किसी देश की राष्ट्रीय शक्ति को बढ़ाने में नैतिकता और मूल्यों की सबसे अधिक भूमिका होती है।
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