भारत-यूरोपीय संघ के बीच एकीकृत स्थानीय ऊर्जा प्रणाली से संबंधित समझौते से होने वाले लाभों की चर्चा करें। साथ ही भारत तथा स्वीडन के मध्य विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में होने वाली भागीदारी पर प्रकाश डालें।
27 Nov, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंध
हल करने का दृष्टिकोण:
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हाल ही में भारत में मिशन इनोवेशन के तहत भारत-यूरोपीय संघ के मध्य एकीकृत स्थानीय ऊर्जा प्रणाली से संबंधित समझौते की महत्त्वपूर्ण घोषणा की गई। साथ ही स्वीडन और भारत ने सहयोगात्मक औद्योगिक अनुसंधान और विकास कार्यक्रम की भी घोषणा की ।
मिशन इनोवेशन यूरोपीय संघ की तरफ से 24 देशों की एक वैश्विक पहल है, जो व्यापक स्तर पर मज़बूती और तेजी के साथ स्वच्छ ऊर्जा को वहनीय बनाने के लिये प्रतिबद्ध है।
संभावित लाभ:
यह महत्त्वपूर्ण समझौता भारत-यूरोप के मध्य विभिन्न ऊर्जा क्षेत्रों में स्थानीय भागीदारी को शामिल करते हुए एक नवीन समाधान प्रस्तुत करेगा और उच्च ऊर्जा दक्षता क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी में वृद्धि करेगा।
इस कार्यक्रम को भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग तथा स्वीडिश ऊर्जा एजेंसी द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा जो स्मार्ट ग्रिड क्षेत्र में चुनौतियों का समाधान करने के लिये स्वीडन और भारत के साथ विश्व स्तरीय विशेषज्ञता स्थापित करेगा।
भारत और यूरोपीय संघ के बीच यह साझेदारी स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने तथा जलवायु परिवर्तन से निपटने में सहायता करेगी और ऊर्जा अनुसंधान एवं नवाचार के क्षेत्र में मज़बूती प्रदान करेगी।
यह सहयोग ऊर्जा आपूर्ति को पारदर्शी बनाएगा, साथ ही अधिक कुशल और सभी के लिये वहनीय बनाएगा।
विशेष रूप से उच्च अनुसंधान विकास और नवाचार के क्षेत्र में निवेश साझेदारी और सहयोग निकट भविष्य में स्मार्ट ग्रिड प्रौद्योगिकियों के विकास में तेज़ी ला सकते हैं।
स्मार्ट ग्रिड क्षेत्र में पिछले पाँच वर्षों के दौरान तीन प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय स्मार्ट ग्रिड नेटवर्क वर्चुअल सेंटर स्थापित किये गए हैं तथा अनुसंधान, विकास और नवाचार के लिये 24 देशों के साथ भागीदारी की गई है।
भारत-स्वीडन ने संयुक्त रूप से पाँच मिलियन डॉलर का निवेश किया है जो स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र को एक सुरक्षित, अनुकूल, सतत् और डिजिटल रूप से सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र में बदलने और सभी के लिये विश्वसनीय एवं गुणवत्तापूर्ण ऊर्जा प्रदान करने में मदद करेगा।
स्वीडन तथा भारत:
स्थायी ऊर्जा की आपूर्ति सभी के लिये एक अनिवार्य ज़रूरत है और इसलिये सभी को विद्युत् उर्जा के आधुनिक बुनियादी ढाँचे की आवश्यकता है जो अत्यधिक मात्रा में नवीकरणीय ऊर्जा के माध्यम से विद्युत ऊर्जा उत्पन्न कर सके।
परिवहन क्षेत्र जीवाश्म मुक्त करना भी एक ऐसा कार्य है जहाँ भारत और स्वीडन साथ-साथ एक-दूसरे के अनुभव साझा करने से लाभान्वित हो सकते हैं।
भारत, स्वीडन का एक अत्यधिक महत्त्वपूर्ण साझेदार है और दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अनुसंधान और नवाचार शक्तियों में से एक है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार और स्वीडिश एनर्जी एजेंसी ने एक फंडिंग मैकेनिज़्म बनाया है जिसके माध्यम से कंपनियाँ संयुक्त अनुसंधान और विकास परियोजनाओं के लिये समर्थन प्राप्त कर सकती हैं।
भारत-स्वीडन कार्यक्रम का उद्देश्य अभिनव उत्पादों या प्रक्रियाओं के संयुक्त विकास को बढ़ावा देना तथा अन्य सहयोगियों को एक साथ लाने वाले अनुसंधान और विकास परियोजनाओं के विकास को बढ़ावा देना और उनका समर्थन करना है।
इस परियोजना का उद्देश्य भारत और स्वीडन के बीच सहयोग के माध्यम से उन प्रौद्योगिकियों को विकसित करना है जिनका दो साल बाद व्यवसायीकरण किया जा सकता है।
स्वीडिश ऊर्जा एजेंसी भारत के साथ स्मार्ट ग्रिड के क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार सहयोग के लिये चार साल में 2.6 मिलियन डॉलर निवेश करने के लिये प्रतिबद्ध है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग औद्योगिक अनुसंधान और विकास परियोजनाओं, नए उत्पादों, प्रक्रियाओं या प्रौद्योगिकियों के लिये सह-विकास एवं नवाचार पर ध्यान केंद्रित करने हेतु भारतीय भागीदारों के समर्थन के लिये 18 करोड़ रुपए निवेश निधि के रूप में प्रदान करेगा।
उत्पाद अनुकूलन परियोजनाओं का वित्तपोषण इस नए कार्यक्रम के तहत किया जाएगा।
ऐसा देखा गया है कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान स्वीडन-भारत के मध्य विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र मे भागीदारी अधिक बढ़ी है। दोनों पक्षों की उच्चस्तरीय यात्राओं ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाया है।