उत्तर :
उत्तर की रूपरेखा :
- हिमरेखा क्या है ?
- हिमानी द्वारा निर्मित स्थलरूप
|
पर्वतीय एवं ध्रुवीय क्षेत्रों की वह रेखा जिसके ऊपर वर्षभर हिम का आवरण रहता है तथा बर्फ पूर्णतया कभी नहीं पिघलती, हिमरेखा कहलाती है।
हिमानी या हिमनद धीमी गति से बहने वाली हिम या बर्फ की नदी है। इससे निर्मित स्थलरूप निम्नलिखित हैं-
- 'U' आकार की घाटीः पहाड़ों पर पहले से मौजूद नदी घाटी में हिमानी के लंबवत अपरदन से 'U' आकार की घाटी का निर्माण होता है।
- एरीट (Arete): किसी पर्वत के दोनों ओर सर्क के विकसित होने से मध्य का भाग अपरदित होकर नुकीला हो जाता है, जिसे ‘एरीट’ कहते हैं।
- निलम्बित घाटी (Hanging Valley): जब किसी मुख्य हिमनद में कोई सहायक हिमनद आकर मिलती है तो हिमनद घाटी पर लटकती सी प्रतीत होती है, जिसे लटकती घाटी कहते हैं।
- सर्क (Cirque): जब किसी पर्वतीय भाग से हिमानियाँ हटती हैं तो वहाँ आरामकुर्सी की तरह की आकृति बनती है, जिसे सर्क कहते हैं।
- गिरी श्रृंग या हॉर्न (Horn): जब किसी पर्वतीय भाग पर चारों ओर से सर्क बनने लगते हैं तो बीच का नुकीला शीर्ष हॉर्न कहलाता है।
- ड्रमलिन (Drumlins): जब हिमानियों के तल पर हिमोढ़ का थोड़े-थोड़े समय पर गुंबदाकार टीलों के रूप में जमाव होता है तो उससे बनी स्थलाक्रतियों को ड्रमलिन कहा जाता है।
उपर्युक्त के अतिरिक्त भेड़ शिला (Roche Mountonne), नूनाटक (Nunatak), अवक्षेप मैदान (Out Wash Plain) तथा परिहिमानी..आदि हिमानी से बनने वाले मुख्य स्थलरूप हैं।