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प्रश्न :
नागरिक घोषणापत्र से आप क्या समझतें हैं? किसी भी नागरिक घोषणापत्र को किन उपायों को अपनाकर अधिक से अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है? चर्चा करें।
18 Nov, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण-
- भूमिका
- नागरिक घोषणापत्र क्या है?
- सरकारी कार्यालय में इनकी भूमिका
- अधिक प्रभावी बनाने के उपाय
नागरिक घोषणापत्र एक ऐसा दस्तावेज़ होता है जिसमें कोई संगठन स्वयं से संबंधित सूचनाओं, सेवाओं के मानक, परामर्श, सेवाओं तक भेदभावरहित पहुँच, शिकायत निवारण और शिष्टाचार आदि के संबंध में अपने नागरिकों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का व्यवस्थित वर्णन करता है।
नागरिक घोषणापत्र में यह सुनिश्चित किया जाता है कि सार्वजनिक सेवाएँ नागरिक केन्द्रित हों। यह सुशासन के तीन महत्त्वपूर्ण घटकों यथा- पारदर्शिता, उत्तरदायित्व एवं जवाबदेहिता को लागू करने तथा सरकार एवं नागरिकों के मध्य अंतराल को कम करने के लिये एक महत्त्वपूर्ण साधन है।
किसी सरकारी संस्थान की कार्य-संस्कृति को सुधारने में नागरिक घोषणापत्र निम्नलिखित प्रकार से अहम भूमिका निभा सकता है-
- सरकारी संस्थान के कर्मचारियों में नौकरी की अत्यधिक सुरक्षा के चलते किसी प्रकार के नकारात्मक प्रभाव का खतरा नहीं होता। इसीलिये वो प्रायः अपने काम के प्रति थोड़ा लापरवाह होते हैं। परंतु, यदि सरकारी संस्थानों में नागरिक घोषणापत्र लागू कर दिया जाए तो कर्मचारियों के लिये समय रहते अपने लक्ष्य पूरे करना आवश्यक हो जाएगा है और वो अपने उत्तरदायित्व के प्रति ज़्यादा सजग रहेंगे।
- सरकारी संस्थान की कार्य संस्कृति में प्रायः नवाचारों के प्रति असहमति का भाव होता है। नागरिक घोषणापत्र लागू होने से कर्मचारियों द्वारा अपने कार्यों को समय पर करने तथा परिणाम जल्दी पाने के लिये नवाचारों को अपनाना होगा। उदाहरण के तौर पर कार्यालयों का कम्प्यूटरीकरण हो जाना।
- सरकारी संस्थानों के कर्मचारियों में प्रायः एकता की भावना की अनुपस्थिति होती है। परंतु, नागरिक घोषणापत्र लागू करने से कार्य का दबाव बढ़ने के फलस्वरूप एक-दूसरे के सहयोग की अपेक्षा के चलते कर्मचारियों में एकता की भावना उत्पन्न होना स्वाभाविक हो जाता है।
निम्नलिखित उपायों को अपनाकर नागरिक घोषणापत्र को प्रभावी बनाया जा सकता है-
- आदर्श नागरिक घोषणापत्र संहिता का पालन किया जाए।
- नागरिक घोषणापत्र के निर्माण की प्रक्रिया को पारदर्शी एवं परामर्शी बनाने के लिये नागरिक समाज व मीडिया की प्रभावी भूमिका सुनिश्चित की जाए।
- नागरिक घोषणापत्र का समयबद्ध पुनर्मूल्यांकन किया जाए।
- जन प्रतिक्रियाओं के आधार पर नागरिक घोषणापत्र में सुधार या परिवर्तन किया जाए।
- नागरिक घोषणापत्र को वैधानिक दर्जा प्रदान किया जाए।
- नागरिक घोषणापत्र बनाते समय शोध और अनुसंधान पर विशेष बल दिया जाए।
निष्कर्षतः नागरिक घोषणापत्र एक सरकारी संस्थान की कार्य संस्कृति में निश्चित तौर पर सकारात्मक बदलाव लाता है और उसे नागरिक केन्द्रित स्वरूप प्रदान करता है किन्तु कुछ अहम बदलावों द्वारा इसे अधिक प्रभावी बनाये जाने की आवश्यकता है।
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