वन नेशन वन कार्ड योजना से आप क्या समझते हैं। इससे होने वाले लाभों की चर्चा करते हुए इसे लागू करने में आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डालें।
10 Nov, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था
हल करने का दृष्टिकोण
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वन नेशन वन कार्ड योजना को वर्ष 2019 में राशन कार्डों की अंतर-राज्यीय पोर्टेबिलिटी (Inter-State Portability) सुविधा के तहत शुरू किया गया था। इस योज़ना के तहत प्रवासी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम , 2013 के लाभार्थी देश में कहीं भी अपनी पसंद के किसी भी उचित मूल्य की दुकान (FPS) से अपने हिस्से के खाद्यान्न कोटे की खरीद कर सकते हैं। ऐसा योजना के तहत पात्र व्यक्ति द्वारा आधार द्वारा प्रमाणिक अपने मौजूदा राशन कार्ड का उपयोग करके किया जा सकता है।
इस योजना में 24 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 65 करोड़ लाभार्थी शामिल है, जिनमें से कुल 80% लाभार्थी NFSA के अंतर्गत हैं, जो अब 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कहीं से भी रियायती दर पर राशन प्राप्त कर सकते हैं।
वन नेशन वन कार्ड योजना योजना के लाभ:
योजना के कार्यान्वयन से संबंधित चुनौतियां:
संबंधित चुनौतियों से निपटने के लिये प्रवासी श्रमिकों के संबंध में विश्वसनीय आँकड़ों को प्राप्त करना होगा। एक पूर्ण रूप से समर्पित ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म वन नेशन वन कार्ड योजना से संबंधित तार्किक मुद्दों की चुनौती को हल कर सकता है। योजना के क्रियान्वयन का मूल्यांकन करने के लिये सोशल ऑडिटिंग को अनिवार्य किया जाना चाहिये। इसके अलावा दीर्घकालीन समाधान के तौर पर गरीबों के हितों को ध्यान में रखते हुए,सार्वजनिक वितरण प्रणाली को एक फुलप्रूफ फूड कूपन सिस्टम या फिर प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण द्वारा प्रतिस्थापित किया जा सकता है जहाँ गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार कूपन के माध्यम से या नकद भुगतान करके किसी भी किराने की दुकान से चावल, दाल, चीनी और तेल खरीद सकते हैं।