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प्रश्न :
स्टार्स (STARS) परियोजना से आप क्या समझतें हैं? भारत में शिक्षा की चुनौतियों को सीमित करने में यह किस प्रकार सहायक सिद्ध हो सकती है?
02 Nov, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्थाउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण-
- भूमिका
- स्टार्स प्रोजेक्ट का परिचय
- शिक्षा की चुनौतियां
- शिक्षा तथा स्टार्स प्रोजेक्ट
शिक्षा किसी भी देश के विकास की कुंजी होती है और यह शिक्षकों की गुणवत्ता पर सर्वाधिक निर्भर करती है। भारत ने बीते कुछ वर्षों में देश भर में शिक्षा की पहुँच में सुधार करने के लिये कई महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं, इन्ही कदमों का परिणाम है कि देश में स्कूल जाने वाले छात्रों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है। शिक्षा में सुधार के संदर्भ हाल ही में मंत्रिमंडल द्वारा STARS (Strengthening Teaching-Learning and Results for States) प्रोजेक्ट को मंज़ूरी दी गई है। प्रोजेक्ट लागत में से लगभग 3700 करोड़ रुपए की सहायता राशी विश्व बैंक से प्राप्त होगी। STARS प्रोजेक्ट को शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के तहत एक नवीन केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में लागू किया जाएगा। स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग’ के तहत एक स्वतंत्र और स्वायत्त संस्थान के रूप में ‘परख’ नामक ‘राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र’ की स्थापना की जाएगी।
STARS प्रोजेक्ट 6 राज्यों- हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल और ओडिशा को छात्रों के बुनियादी पठन और गणित कौशल को बेहतर बनाने तथा मूल्यांकन सुधारों का समर्थन करेगा। इस परियोजना के अलावा 5 राज्यों- गुजरात, तमिलनाडु, उत्तराखंड, झारखंड और असम में भी इसी तरह के एक प्रोजेक्ट को 'एशियाई विकास बैंक' के वित्तपोषण से लागू करने की परिकल्पना की गई है। सभी राज्य अपने अनुभवों और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिये एक-दूसरे राज्य के साथ भागीदारी करेंगे। STARS परियोजना के तहत सरकार द्वारा प्रबंधित स्कूल शिक्षा प्रणाली को मज़बूत करने के लिये निर्देशित किया गया है, जो मुख्य रूप से हाशिये पर स्थित समूहों की लड़कियों और छात्रों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करती है।
शिक्षा के क्षेत्र में निहित चुनौतियां -
- आजादी के समय देश की केवल 12 फीसदी आबादी साक्षर थी जो 2011 में 74 फीसदी हो गई, किंतु 84 फीसदी के वैश्विक औसत से भारत अब भी काफी पीछे है।
- आधारभूत ढाँचे की कमी के चलते शिक्षा की गुणवत्ता पर असर पड़ता है और छात्रों के सीखने के स्तर में लगातार गिरावट आ रही है।
- भारत में उच्च शिक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले छात्रों का अनुपात काफी कम है।
- देश में शिक्षकों की भारी कमी है। शिक्षकों की कमी के अलावा उनकी नियमित तौर पर ट्रेनिंग भी नही होती है जिससे शिक्षण गुणवत्ता प्रभावित होती है।
- सरकार बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए प्राथमिक व उच्च प्राथमिक बच्चों के लिए प्रतिदिन व्यंजन सूची के अनुसार भोजन की व्यवस्था करती है। किंतु धरातल पर यह भ्रष्टाचार और अनियमितता की भेंट चढ़ जाता है।
- सरकारी विद्यालयों में तैनात अध्यापक पल्स पोलियो, जनगणना, चुनाव जैसे कई गैर शैक्षिक कार्यों में लगे रहते हैं जिससे वे कक्षा में निर्धारित समय में पाठ्यक्रम को समाप्त नहीं कर पाते हैं।
- यूनीसेफ की रिपोर्ट बताती है कि देश के 30 फीसदी से अधिक विद्यालयों में पेयजल की व्यवस्था ही नहीं है।
- सर्व शिक्षा अभियान के बाद प्राथमिक स्तर पर नामांकन अनुपात सौ फीसदी के करीब पहुँच चुका है, लेकिन स्कूल छोड़ने की दर ज्यादा होने के चलते लगभग 57 फीसदी छात्र ही प्राथमिक शिक्षा और लगभग 10 फीसदी सेकेंडरी शिक्षा पूरी करते हैं।
- संख्या की दृष्टि से देखा जाए तो भारत की उच्चतर शिक्षा व्यवस्था अमेरिका और चीन के बाद तीसरे नंबर पर आती है लेकिन जहाँ तक गुणवत्ता की बात है दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों में भारत का एक भी विश्वविद्यालय नहीं है।
- गाँवों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर शहरों के मुकाबले काफी कमज़ोर है।
शिक्षा और STARS परियोजना-
- सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) का चौथा लक्ष्य शिक्षा से संबंधित है। इसमें कहा गया है कि समावेशी और न्यायसंगत गुणवत्तायुक्त शिक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही सभी को सीखने के अवसर पर बल प्रदान किया जायेगा। इस प्रकार स्टार्स परियेाजना शिक्षा संबंधित सतत विकास लक्ष्य को भी पाने में मदद करेगी।
- स्टार्स परियोजना, अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के आंकलन का कार्यक्रम (PISA) में भारत की भागीदारी में भी सहायता करेगा।
STARS प्रोजेक्ट के दो प्रमुख घटक हैं:
- राष्ट्रीय स्तर प्रयास :
- छात्रों के प्रतिधारण (Retention), संक्रमण (Transition) और पूर्णता (Completion) दर पर ठोस और प्रामाणिक डेटा कैप्चर करने के लिये शिक्षा मंत्रालय (MoE) की 'राष्ट्रीय डेटा प्रणाली' को मज़बूत करना।
- 'राज्य प्रोत्साहन अनुदान' (State Incentive Grants- SIG) के माध्यम से राज्यों के शासन सुधार एजेंडा को प्रोत्साहन देकर राज्यों के 'परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स' (PGI) स्कोर में सुधार लाने में शिक्षा मंत्रालय की मदद करना।
- अधिगम मूल्यांकन प्रणाली के सुदृढ़ीकरण का समर्थन करना।
- शिक्षा मंत्रालय को 'राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र' (PARAKH) स्थापित करने में मदद करना।
- राज्य स्तर पर STARS प्रोजेक्ट के तहत निम्नलिखित प्रयासों की परिकल्पना की गई है-
- प्रारंभिक बाल्यावस्था देख-रेख और शिक्षा (ईसीसीई) तथा मूलभूत शिक्षा को मज़बूती प्रदान करना।
- शिक्षण मूल्यांकन/आकलन प्रणालियों में सुधार लाना।
- शिक्षक विकास और स्कूल नेतृत्व के माध्यम से कक्षा में निर्देश प्रणाली और उपशमन को मज़बूत करना।
- उन्नत सेवा आपूर्ति के लिये शासन एवं विकेंद्रित प्रबंधन दृष्टिकोण का समर्थन करना।
- स्कूल जाने से वंचित बच्चों को मुख्यधारा में शामिल करना, करियर मार्गदर्शन तथा परामर्श देना और इंटर्नशिप देकर स्कूलों में व्यवसायिक शिक्षा को सशक्त बनाना।
STARS प्रोजेक्ट का कार्य क्षेत्र: पहुँच और प्रतिधारण; शिक्षा के अधिकार का अधिकारिता; गुणवत्ता में हस्तक्षेप; शिक्षक की शिक्षा; लिंग और इक्विटी; समावेशी शिक्षा; एंटाइटेलमेंट/अधिकारिता (वर्दी, पाठ्य-पुस्तकें, छात्रवृत्ति आदि); सीखने के परिवेश का उन्नयन।
निःसंदेह परियोजना के उपरोक्त प्रयासों के माध्यम से निःसंदेह भारतीय शिक्षा में निहित चुनौतियों को सीमित किया जा सकता है।
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