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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    अमेरिकी संविधान की रचना में किन तत्वों का प्रभाव रहा? बीयर्ड के इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं कि ‘अमेरिकी संविधान एक आर्थिक दस्तावेज़ है’?

    28 Oct, 2020 रिवीज़न टेस्ट्स इतिहास

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • भूमिका
    • अमेरिकी संविधान रचना में किन-किन तत्वों का प्रभाव है?
    • क्या संविधान एक आर्थिक दस्तावेज़ मात्र है?
    • सहमति तथा असहमति के बिंदु।

    अमेरिकी क्रांति की सफलता के बाद स्वतंत्र अमेरिकी राष्ट्र का निर्माण हुआ। इसके बाद 13 राज्यों के प्रतिनिधियों ने अमेरिकी संविधान निर्माण के लिये फिलाडेल्फ़िया कांग्रेस का आयोजन किया जिसमें स्वतंत्र अमेरिका के लिये लिखित संविधान तैयार किया गया। इस अमेरिकी संविधान ने विश्व में संविधान वाद को प्रोत्साहन दिया हालांकि यह संविधान पिछले कई वर्षो के संघर्ष , सैदेबाजी-प्रतिसौदेबाजी तथा वैचारिक आंदोलन के पश्चात् अस्तित्व में आया था।

    अमेरिकी संविधान की रचना में निम्न तत्वों के प्रभावों को देखा जा सकता है -

    • इस संविधान के निर्माण में धनी वर्गो का अत्यधिक प्रभाव रहा जिसमें व्यापारी महाजन, स्टेक होल्डर आदि के प्रभावों को देखा जा सकता है वहीं मिल्टन जैसे नेता शक्तिशाली संघ के निर्माण की मांग के पक्ष में थे।
    • प्रजातांत्रिक तथा रैडिकल तत्वों के प्रभावों को नकारा नहीं जा सकता। हेनरी एडम्स एवं जेफरसन जैसे नेता प्रजातांत्रिक तत्वों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। इन्हीं के प्रभावों के कारण 1791 में संविधान में संशोधन किया गया तथा लोगों के मौलिक अधिकारों को सुरक्षित किया गया। एक दृष्टि से देखे तो इन्होंने राज्य से व्यक्ति की सुरक्षा की मांग की।
    • प्रसिद्ध फ्रांसीसी विचारक मॉन्टेस्क्यू के विचारों का प्रभाव इस संविधान की रचना पर पड़ा। इसने शासन के तीनों अंगों कार्यपालिका, विधायिका एवं न्यायपालिका तीनों को एक-दूसरे से अलग एवं समान रूप से शक्तिशाली बनाने को कहा इसी क्रम में अमेरिका संविधान में ‘शक्ति के पृथक्करण’ सिद्धांत को अपनाया गया।
    • अमेरिकी संविधान के निर्माण में न्यूटन के दृष्टिकोणों का भी प्रभाव परिलक्षित होता है जिसमें न्यूटन की संतुलन की अवधारणा की स्वीकार कर अमेरिकी संविधान में शक्ति संतुलन की अवधारणा को स्वीकर किया गया।
    • अतः कहा जा सकता है कि अमेरिकी संविधान की रचना में विभिन्न तत्वों का प्रभाव रहा परंतु एक अमेरिकी विद्धान चार्ल्स बीयर्ड ने अपने एक निबंध ‘An Economic Interpretation of the Constitutions of the united states’ में अमेरिकी संविधान को आर्थिक दस्तावेज के रूप में संज्ञा दी है। इसमें कहा गया कि इस संविधान के माध्यम से अपने आर्थिक वर्गो के निहित स्वार्थो को आगे बढ़ाने का प्रयास किया। बीयर्ड का मानना है कि फिलाडेल्फ़िया कांग्रेस में जो प्रतिनिधि शामिल हुये उसमें 24 साहूकार वर्ग के 15 प्रतिनिधि उत्तरी क्षेत्र के और दासों के मालिक एवं 14 प्रतिनिधि भूमि के सौदे व सट्टेबाज़ी के व्यवसाय से संबंधित तथा तथा 11 प्रतिनिधि व्यवसायी एवं जहाज निर्माता थे। सम्मेलन में छोटे किसान एवं गरीबों का कोई प्रतिनिधि नहीं था। इस तरह सम्मेलन में शामिल प्रतिनिधि मंडलों ने शक्तिशाली संघ की स्थापना की मांग की।

    परंतु जब बीयर्ड महोदय के कथन का परीक्षण करते हैं तो प्राप्त होता है कि यद्यपि फिलाडेल्फ़िया कांग्रेस में धनी वर्गो का प्रभाव रहा किंतु अन्य वर्गो के हितों को नजर अंदाज़ नहीं किया गया था। प्रसिद्ध इतिहासविद् फॉरेस्ट मैकडोनाल्ड ने अपनी पुस्तक ‘We the people : The Economic origins of Constitutions’ (1958) में बीयर्ड के कथन को अस्वीकार कर बताया कि यह कहीं से प्रमाणित नहीं होता है कि व्यक्तिगत संपत्ति की रक्षा के लिये संविधान निर्माण में अन्य वर्गो को अनदेखा किया गया। वस्तुतः फिलाडेल्फ़िया कांग्रेस में निर्मित संविधान विभिन्न वर्गो के हितों के बीच सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास कर रहा था। जहाँ धनी वर्ग अपने पक्ष में शक्तिशाली संघ निर्माण की मांग कर रहा था तो वहीं निम्न वर्गो को संतुष्ट करने के लिये मौलिक अधिकारों की स्वीकृति प्रदान की गयी थी। जहाँ तक इस संविधान को किसानों द्वारा विरोध का प्रश्न है तो ऐसा नहीं लगता कि किसानों ने संविधान का विरोध किया हो क्योंकि न्यूजर्सी, मेरीलैंड, जॉर्जिया, जैसे कृषि आधारित राज्यों में संविधान को आसानी से स्वीकार किया गया।

    परंतु उपर्युक्त संपूर्ण तथ्यों को देखे तो बीयर्ड का कथन अपने आप में इसलिये महत्वपूर्ण हो जाता है। कि इन्होंने अमेरिका संविधान की व्याख्या में एक नवीन दृष्टिकोण दिया जो पूरी तरह तो नहीं बल्कि आंशिक रूप से ही अमेरिकी संविधान की व्यवस्था में उपयोगी साबित हुआ। अतः अमेरिकी संविधान की निम्नलिखित विशेषताएँ उभरकर सामने आती है जिसमें-

    • सर्वप्रथम अमेरिकी संविधान विश्व का प्रथम लिखित संविधान है। जिसमें 7 अनुच्छेद एवं 13 धाराएँ है। इस तरह भारतीय संविधान की अपेक्षा संक्षिप्त एवं सरल है।
    • अमेरिकी संविधान की मुख्य विशेषता संघात्मक शासन व्यवस्था है इसमें स्वतंत्रता राज्यों अस्तित्व को को बनाये एवं हितों की रक्षा के लिये महासंघ को अस्तित्व में लाया गया और रूस, U.S.A. (संयुक्त राज्य अमेरिका) नाम दिया गया।
    • भारतीय संविधान के विपरित अमेरिकी संविधान में दोहरी नागरिकता का प्रावधान किया गया है अर्थात् संघ के साथ-साथ राज्य की भी नागरिकता प्रदान की गयी है।
    • अमेरिकी संविधान में सर्वोच्य सत्ता को जनता में निहित माना गया है।
    • अमेरिकी संविधान राज्यों के अस्तित्व को बनाये रखने के लिये अमेरिका को अविनाशी राज्यों का अविनाशी संघ घोषित करता है।
    • इस संविधान में अध्याक्षात्मक शासन प्रणाली की व्यवस्था कर शक्ति की पृथक्करण के सिद्धांत को अपनाया गया। इसमें कार्यपालिका को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है और इसका प्रमुख ही संघ का राष्ट्रपति होता है जिसे केवल महाभियोग द्वारा पद मुक्त किया जा सकता है।

    इस प्रकार कहा जा सकता है कि अमेरिकी संविधान विश्व के अन्य संविधान निर्माण करने वालों के लिये पथ प्रदर्शक का कार्य किया और जब भारत का संविधान निर्माण हुआ तो इसकी अच्छाइयों को भारतीय संविधान में शामिल किया गया।

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