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प्रश्न :
“अमेरिका के स्वतंत्रता संग्राम ने यूरोप को और साथ में अमेरिका को भी रूपातंरित किया था।” टिप्पणी करें।
26 Oct, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहासउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण :
- भूमिका
- यूरोप में जो रुपांतरण के बिंदु
- अमेरिका में बदलाव
- निष्कर्ष
अमेरिकी क्रांति मानव सभ्यता के इतिहास के सबसे बड़े परिवर्तनों में से एक है जिसने मानव इतिहास की धारा को नए विचारों तथा मूल्यों द्वारा बदल दिया। अमेरिकी स्वतंत्रता का युद्ध हालाँकि 1775 ई. से 1783 तक लड़ा गया तथा युद्ध की समाप्ति 1783 की पेरिस संधि के साथ हुई थी। इसने अभिनव राजनीतिक परिवर्तनों की एक ऐसी शृंखला को जन्म दिया जिसका दायरा केवल अमेरिका तक सीमित न होकर वैश्विक बन गया।
इस क्रांति के कारण स्वतंत्र अमेरिका अस्तित्व में आया। इसने यूरोप में जो रूपांतरण किया उसे निम्न संदर्भो में देख सकते हैं-
- ब्रिटेन- अमेरिकी क्रांति के प्रभाव के कारण ब्रिटेन में जार्ज तृतीय के शासन का अंत हो गया। संसद का प्रजा तंत्रीकरण करना आरंभ किया गया। राष्ट्रमंडल की स्थापना हुयी तथा वाणिज्यवादी सिद्धांत का त्याग कर मुक्त व्यापार की नीति को अपनाया गया।
- फ्रांस- अमेरिकी क्रांति ने फ्रांस को गहरे रूप से प्रभावित किया। इस क्रांति ने फ्रांस में नयी चेतना उत्पन्न की और फ्रांस को क्रांति के लिये प्रेरित किया। फ्रांस की क्रांति का मुख्य नारा स्वतंत्रता, समानता एवं बंधुत्व की शासक कहीं-न-कहीं अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम में भी देखा जा सकता हैं।
- उपनिवेशों पर प्रभाव- इसने उपनिवेशों को भी प्रभावित किया। इसके कारण जहाँ ब्रिटेन को ऑस्ट्रेलिया तथा न्यूजीलैंड जैसे नये उपनिवेश स्थापित करने पड़े वहीं पुराने उपनिवेशों पर पकड़ मजबूत करनी पड़ी। जहाँ भारत के संदर्भ में 1784 का पिट्रस इंडिया एक्ट लाया गया तथा कार्नवालिस के सुधारों को लाकर पकड़ मजबूत की तो वहीं आयरलैंड के संदर्भ मे ब्रिटिश सरकार ने आयरलैंड की संसद को विधि निर्माण का अधिकार प्रदान किया।
- अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम ने कहीं-न-कहीं यूरोपीय मध्यमवर्ग को प्रभावित किया।
उपर्युक्त प्रभावों ने यूरोप में रूपांतरण किया तो वहीं अमेरिका भी इस स्वतंत्रता संग्राम से हुये रूपांतरण अछूता नहीं रहा जिसे हम निम्न बिंदुओं के माध्यम से देख सकते हैं-
- अमेरिका को स्वतंत्रता प्राप्त हुयी और विभिन्न अमेरिकी बस्तियों ने मिलकर अपने आप को एक सशक्त राष्ट्र के रूप में स्थापित किया।
- जब विश्व के समस्त देशों मे राजतंत्रात्मक शासन स्थापित था इस समय अमेरिका अपने को गणतंत्र घोषित कर प्रजातंत्र की स्थापना की।
- यहाँ मुक्त अर्थव्यवस्था को बल प्रदान कर राजनीति में जनभागिदारी को प्रोत्साहन दिया गया।
- अमेरिकी संविधान में संशोधन दर अंतःकरण की स्वतंत्रता को स्थापित किया गया तथा बिल ऑफ राईट्स लाकर मौलिक अधिकार प्रदान किया गया।
- अमेरिका ने आधुनिक विश्व इतिहास में सर्वप्रथम धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र की स्थापना कर चर्च से राज्य को अलग किया।
- इस स्वतंत्रता संग्राम के परिणामस्वरूप ‘गुण एवं प्रतिभा’ पर आधारित नये कुलीन तंत्र का विकास हुआ।
- सामाजिक रुपांतरण के रूप में देखा जाय तो उच्च वर्ग का निम्नवर्ग पर नियंत्रण कमजोर हुआ ।
इस प्रकार अमेरिका में बदलाव की बयार देखी गयी इस कारण अमेरिकी क्रांति का महत्व और बढ़ जाता है जिसमें-
- अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम के बाद संघात्मक ढॉचे का विकास हुआ।
- अमेरिका अब एक विशाल एवं शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में उभरकर विश्व के सामने आया, हालांकि शुरूआत में यूरोपीय शक्तियों ने इस नाकार दिया परंतु आगे चलकर कई ऐसे अवसर आये जिसमें मुनरो सिद्धांत, प्रथम विश्व युद्ध, द्वितीय विश्व युद्ध, शीत युद्ध एवं नाटो का गठन आदि के माध्यम से यूरोपीय राजनीति को गहरे रूप से प्रभावित किया।
- वैचारिक स्तर पर अमेरिका अब यूरोप से आगे निकल गया था क्योंकि लिखित संविधान एवं गणतंत्र की घोषणा ने अमेरिका को प्रबुद्ध राजतंत्र से ऊपर उठा दिया था, और यही प्रबुद्ध राजतंत्र यूरोपीय राजनीति का प्रमुख मानदंड माना जाता था।
- अमेरिकी संविधान ने जनसंप्रभुता की अवधारणा को अपनाकर सीमित मताधिकार प्रदान किया ।
- अमेरिकी संविधान ने उपनिवेश विरोधी आंदोलन को प्रेरित करने में अहम भूमिका निभाई इसका मुख्य कारण अमेरिकी संविधान में स्पष्ट रूप से उपनिवेश विरोधी दृष्टिकोण की अभिव्यक्ति हैं।
अतः कहा जा सकता है कि अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम विश्व के अन्य देशों के लिये प्रेरणा स्रोत बना जिसके प्रभाव से भारत भी अछूता नहीं रहा।
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