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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    किसानों की आय दुगुनी करने हेतु एक सहबद्ध कार्यक्रम के रूप में नीली क्रांति के महत्त्व को समझायें। सरकार द्वारा इसे सशक्त बनाने हेतु किये जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डालें।

    30 Sep, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण-

    • भूमिका

    • नीली क्रांति 

    • महत्त्व

    • सरकार द्वारा किये गए प्रयास

    • निष्कर्ष

    नीली क्रांति किसानों की आय दुगुनी करने हेतु एक सहबद्ध कार्यक्रम के रूप में मछली तथा समुद्री उत्पादों को पकड़ने के कार्य को प्रोत्साहित करने के सरकारी प्रयासों का एक अंग है। इसका संबंध मत्स्यपालन उद्योग में तीव्र विकास से है।

    भारत में नीली क्रांति की शुरुआत सातवीं पंचवर्षीय योजना से हुई थी। इस दौरान सरकार ने फिश फार्मर्स डेवलपमेंट एजेंसी का गठन किया। आठवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान सघन मरीन फिशरीज़ प्रोग्राम शुरू किया गया जिसमें बहुराष्ट्रीय कंपनियों से सहयोग को प्रोत्साहित किया गया। उत्पादन बढ़ाने साथ ही साथ प्रजातियों में सुधार के लिये बड़ी संख्या में अनुसंधान केंद्र भी स्थापित किये गए।

    महत्त्व- मत्स्यपालन विश्वभर में लोगों को रोजगार प्रदान करता है।

    इससे आज लगभग 80 मिलियन लोग रोज़गार प्राप्त कर रहे हैं।

    मत्स्यपालन क्षेत्र में रोज़गार के विकास की दर विश्व की जनसंख्या में बढ़ोतरी की रफ्तार और पारंपरिक कृषि क्षेत्र में रोजगार की दर की अपेक्षा तेज़ रही है। यह 4.3 बिलियन लोगों को उनकी सालाना पशु-प्रोटीन खपत का 15 प्रतिशत से अधिक प्रदान करता है और सूक्ष्म पोषकों और आवश्यक वसा का महत्त्वपूर्ण स्रोत है। इसके साथ ही मछली और समुद्री खाद्य, खाद्य वस्तुओं में सर्वाधिक खरीदे-बेची जाने वाली वस्तुएँ हैं। इनका 53 प्रतिशत व्यापार विकासशील देशों द्वारा किया जाता है।

    सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयास-

    नीली क्रांति 2.0

    • यह फिशरीज़ के विकास एवं प्रबंधन पर केंद्रित है। इसमें अंतर्देशीय मछलीपालन, मछलीपालन, समुद्री मत्स्यपालन जिसमें गहरे समुद्र में मछली पकड़ना भी शामिल है तथा राष्ट्रीय मत्स्यपालन विकास बोर्ड द्वारा की जा रही अन्य सभी गतिविधियाँ शामिल हैं।
    • सरकार का मानना है कि अब संवहनीय रूप से मछलीपालन का विकास कर किया जाएगा जिसमें जैव सुरक्षा और पर्यावरण संबंधी चिंताओं को भी ध्यान में रखा जाएगा।

    इस कार्यक्रम के उद्देश्य-

    • देश की कुल मत्स्य क्षमता का पूर्ण दोहन, चाहे यह अंतर्देशीय क्षेत्र में हो या समुद्री क्षेत्र में और वर्ष 2020 तक उत्पादन को तिगुना करना।
    • फिशरीज़ क्षेत्र को एक आधुनिक उद्योग में रूपांतरित करना जिसमें नई प्रौद्योगिकी और प्रक्रियाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
    • मछुआरों और मछली उत्पादकों की आय दोगुनी करना जिसमें उत्पादकता बढ़ाने और मछली उत्पादन के बाद की विपणन अवसंरचना, जिसमें ई-कॉमर्स और अन्य प्रौद्योगिकियाँ तथा सर्वोत्तम वैश्विक नवोन्मेष शामिल हैं, को बेहतर करने पर ध्यान केन्द्रित करना।
    • आय वृद्धि में मछुआरों और मछली उत्पादकों की समावेशी सहभागिता सुनिश्चित करना।
    • वर्ष 2020 तक निर्यात आय को तीन गुना करना जिसमें इस बात पर ध्यान दिया जाएगा कि इसका लाभ मछुआरों और मछली उत्पादकों तक पहुँचे।
    • देश में खाद्य और पोषण सुरक्षा बढ़ाना।

    प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना- इस योजना का उद्देश्य समुचित नीति, विपणन और अवसंरचना सहायता द्वारा भारत को मछली और जलीय उत्पादों का उत्कृष्ट स्थान बनाना है।

    साथ ही सभी मछुआरों को कृषक कल्याण योजना कार्यक्रमों और सामाजिक सुरक्षा योजना के अंतर्गत लाना है। यह मूल्य श्रृंखला जैसे महत्त्वपूर्ण मुद्दों का समाधान करेगी, जिसमें अवसंरचना का आधुनिकीकरण, उत्पादन, उत्पादकता, उत्पादन बाद का प्रबंधन और गुणवत्ता नियंत्रण शामिल हैं।

    वित्तीय आवंटन- चालू वित्त वर्ष के लिये सरकार ने फिशरीज़ क्षेत्र के लिये 804.75 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं। इसका लक्ष्य है मछली उत्पादन बढ़ाना और नीली क्रांति के तहत वर्ष 2020 तक 15 मिलियन टन उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त करना और बाद में वर्ष 2022-23 तक इसे 20 मिलियन टन तक बढ़ाना।

    उपरोक्त के अलावा मनरेगा के तहत सरकार ने कृषि तालाबों का विकास शुरू कर दिया है जहां मत्स्यपालन कार्य हो रहा है।

    निष्कर्षतः नीली अर्थव्यवस्था की सहायता से भारत न केवल वर्तमान 2.7 ट्रिलियन डॉलर की अपनी अर्थव्यवस्था को और तेज़ी से आगे बढ़ा सकता है बल्कि किसानों की आय को दोगुना करने में भी मत्स्य पालन एक महत्त्वपूर्ण कारक सिद्ध हो सकता है।

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