रोबोटिक्स एवं रोबोटिक्स प्रोसेस ऑटोमेशन हेतु भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए 'टेक स्टार्टअप प्रोग्राम' से आप क्या समझते हैं? रोबोटिक्स प्रोसेस ऑटोमेशन भारतीय शिक्षा प्रणाली में क्या नए बदलाव ला सकता है?चर्चा करें।
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण-
• भूमिका
• 'टेक स्टार्टअप प्रोग्राम' क्या है ? मुख्य बिंदु।
• रोबोटिक्स प्रोसेस ऑटोमेशन भारतीय शिक्षा प्रणाली में क्या नए बदलाव ला सकता है?
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ऑल इंडिया काउंसिल फॉर रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन (AICRA) ने एक नई पहल 'टेक स्टार्टअप प्रोग्राम' शुरू करने की घोषणा की है। यह भारत में रोबोटिक्स एवं रोबोटिक्स प्रोसेस ऑटोमेशन (RPA) पर कार्यरत स्टार्टअप्स एवं अन्य आरंभिक चरण के अडॉप्टर निकायों के लिये संपोषक वातावरण के रूप में कार्य करेगा।
टेक स्टार्टअप प्रोग्राम’ के प्रमुख बिंदु-
टेक स्टार्टअप प्रोग्राम स्टार्टअप के लिये निम्नलिखित बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु सहायता प्रदान करता है-
- प्रशासनिक सहयोग: इसके अंतर्गत एक प्रणाली का निर्माण किया गया है जिसमें विभिन्न ऊर्ध्वाधर स्तरों पर कॉर्पोरेट सदस्य, शिक्षाविद सदस्य, B2C सदस्य जैसे बहुत से सदस्य शामिल हैं जो स्टार्टअप को प्रत्यक्ष लक्ष्य समूह से जुड़ने में सक्षम बनाता है।
- वित्तीय सहयोग: इसके अंतर्गत बहुत से Venture Capitalists के साथ साझेदारी की है ताकि वित्त-संचयन में स्टार्टअप कंपनियों को मदद मिल सके। इसके अतिरिक्त AICRA और कंपनियों के बीच विभिन्न स्तरों पर तालमेल बनाया जा सकता है।
- प्रौद्योगिकीय सहयोग: यह क्षेत्र विशेषज्ञों और उद्योग क्षेत्र की भागीदार कंपनियों (जो सभी प्रकार के प्रौद्योगिकीय एवं अवसंरचनात्मक ज्ञान और सहायता प्रदान करेंगे) की मदद से स्टार्टअप्स को प्रौद्योगिकीय मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करता है।
- यह वित्त-संचयन से पूर्व के कई विषयों में नवोन्मेषकों की सहायता करता है, जैसे- गलत धारणाओं को दूर करना और नए उद्यमियों को उनके नवाचार के विचार को साकार करने में मदद देना। नए विचारों की क्षमता की पहचान करना। प्रौद्योगिकीय, प्रलेखन या नियामक आवश्यकताओं की जाँच करना और समाधान ढूँढ़ना।
उपयोगिता और वाणिज्यीकरण के विचार को साकार करना।
RPA तथा शिक्षा प्रणाली -
- यह छात्रों को प्रौद्योगिकी को समझने और फिर उसकी सहायता से शिक्षा प्राप्त करने में सहायक होगा।
- AICRA महाविद्यालयों, विशेष रूप से इंजीनियरी महाविद्यालयों से संबद्ध हो रहा है, एवं छात्रों के लिये प्रयोगशालाएँ बना रहा है जहाँ वे नई प्रौद्योगिकी सीख सकते हैं और कोई उत्पाद, प्रक्रिया या सेवा का नवाचार कर सकते हैं ताकि कंपनियाँ ऑटोमेशन शुरू करने के बाद प्रशिक्षण के समय और प्रयासों की बचत कर सकें।
- कुछ इंजीनियरिंग कॉलेजों और विश्वविद्यालयों ने पहले से ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग एवं डीप साइंस आदि की शिक्षा प्रदान करना शुरू कर दिया है।
- AICRA ने ग्लोबल इनोवेशन सेंटर नाम से एक और विकल्प पर अमल शुरू किया है जिसके तहत भारत में पाँच इनोवेशन सेंटर या नवाचार केंद्र स्थापित किये जाएँगे। ऐसा पहला केंद्र बंगलुरूमें स्थापित किया गया है।
- GIC के अंतर्गत महाविद्यालय या विश्वविद्यालय परिसर के अंदर पूर्णरूपेण कार्यरत प्रयोगशालाओं की स्थापना की जाएगी जिससे छात्रों और शिक्षकों के चयनित समूह नवाचार और नए उत्पादों के निर्माण के लिये साथ मिलकर काम करेंगे। बाद में ऐसे उत्पादों का व्यवसायीकरण भी किया जा सकता है।
- शिक्षाविदों और उद्योगों में तालमेल बनाने के लिये तथा बाज़ार अंतराल को भरने के लिये एक ही मंच पर आना होगा।
शिक्षा के अलावा भारत ने अभी RPA को विभिन्न क्षेत्रों में अपनाना शुरू किया है। कुछ विनिर्माण उद्योग, मोटर वाहन उद्योग और दवा कंपनियों ने ऑटोमेशन को अपनाया है। ऑटोमेशन की सहायता से भारत में फास्ट इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग सिस्टम का विकास किया जा रहा है।