आप इस मत से कहां तक सहमत हैं कि हाल ही में संपन्न इज़राइल-संयुक्त अरब अमीरात शांति समझौता अरब प्रायद्वीप में स्थाई शांति स्थापित करने में मील का पत्थर साबित होगा।’ तर्क सहित व्याख्या कीजिये।
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण-
• भूमिका
• समझौता क्या है?
• समझौते के मुख्य बिंदु
• यह किस प्रकार शांति स्थापित करने में सहायक सिद्ध हो सकता है?
• निष्कर्ष
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हाल ही में इज़राइल और संयुक्त अरब अमीरात ने ऐतिहासिक 'द अब्राहम एकॉर्ड के तहत पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिये सहमति व्यक्त की है। ऐसी घोषणा करने वाला यूएई मिस्र, तथा जॉर्डन के बाद तीसरा अरब देश है जिसके इज़राइल के साथ सक्रिय राजनयिक संबंध हैं।
इज़राइल-यूएई शांति समझौते प्रमुख बिंदु-
- ‘द अब्राहम एकॉर्ड जिसे ‘इज़राइल-यूएई शांति समझौता’ के रूप में भी जाना जाता है, यह इज़राइल द्वारा फिलिस्तीनी क्षेत्रों को अपने हिस्सों में को जोड़ने की योजना को ‘निलंबित’ कर देगा। समझौते के तहत इज़राइल, वेस्ट बैंक के बड़े हिस्से पर अधिग्रहण करने की अपनी योजना को निलंबित कर देगा।
- एक बयान जारी कर कहा गया कि आने वाले हफ्तों में प्रतिनिधिमंडल सीधी उड़ानों, सुरक्षा, दूरसंचार, ऊर्जा, पर्यटन और स्वास्थ्य देखभाल के सौदों पर हस्ताक्षर करेंगे।
- वेस्ट बैंक, इज़राइल और जॉर्डन के बीच स्थित है। इसका एक प्रमुख शहर फिलिस्तीन की वास्तविक प्रशासनिक राजधानी ‘रामल्लाह’ है। इज़राइल ने छह-दिवसीय अरब-इज़राइली युद्ध-1967 में इसे अपने नियंत्रण में ले लिया था और बाद के वर्षों में वहाँ बस्तियाँ स्थापित की हैं।
समझौते का महत्त्व-वैश्विक प्रतिक्रिया-
- इज़राइल-प्रस्तावित समझौता, वेस्ट बैंक के अलावा अन्य क्षेत्रों में फिलिस्तीनियों को सीमित स्वायत्तता प्रदान करते हुए इज़राइल के वेस्ट बैंक के बड़े हिस्से पर कब्जा करने की अपनी योजना को निलंबित कर देगा। इसके अलावा यह घोषणा इज़राइल के अरब देशों के साथ संबंधों की निकटता को सार्वजनिक रूप से स्वीकार करती है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका-समझौते को नवंबर में संयुक्त राज्य अमेरिका में होने वाले चुनाव से पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक राजनयिक जीत के रूप में माना जा रहा है।
- संयुक्त अरब अमीरात-वाशिंगटन में यूएई के राजदूत ने कहा कि इज़राइल के साथ ऐतिहासिक शांति समझौता कूटनीतिक जीत है और इसे अरब-इज़राइल संबंधों में एक महत्त्वपूर्ण अग्रिम के रूप में माना जाना चाहिये।
- इसके अलावा भारत ने शांति समझौते का स्वागत किया है। रणनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, इज़राइल और संयुक्त अरब अमीरात दोनों ही भारत के बेहद करीबी मित्र देश हैं। ऐसे में भविष्य में इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन में कश्मीर का मुद्दा हमेशा के लिये समाप्त हो सकता है।
निष्कर्षतः यह समझौता मध्य पूर्व में शांति के लिये एक ऐतिहासिक और महत्त्वपूर्ण कदम है। मध्य-पूर्व को दो सबसे प्रगतिशील और उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के बीच प्रत्यक्ष संबंध शुरू होने से आर्थिक विकास के साथ ही लोगों-से-लोगों के संबंधों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।