किसी भी सरकारी संस्थान की कार्य-संस्कृति को सुधारने में नागरिक घोषणापत्र की अहम भूमिका होती है और इसे अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता से इंकार नहीं किया जा सकता। नागरिक घोषणापत्र को किन उपायों को अपनाकर अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है? चर्चा करें।
17 Sep, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न
हल करने का दृष्टिकोण- • भूमिका • नागरिक घोषणापत्र क्या है? • सरकारी कार्यालय में इनकी भूमिका • अधिक प्रभावी बनाने के उपाय |
नागरिक घोषणापत्र एक ऐसा दस्तावेज़ होता है जिसमें कोई संगठन स्वयं से संबंधित सूचनाओं, सेवाओं के मानक, परामर्श, सेवाओं तक भेदभावरहित पहुँच, शिकायत निवारण और शिष्टाचार आदि के संबंध में अपने नागरिकों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का व्यवस्थित वर्णन करता है।
नागरिक घोषणापत्र में यह सुनिश्चित किया जाता है कि सार्वजनिक सेवाएँ नागरिक केन्द्रित हों। यह सुशासन के तीन महत्त्वपूर्ण घटकों यथा- पारदर्शिता, उत्तरदायित्व एवं जवाबदेहिता को लागू करने तथा सरकार एवं नागरिकों के मध्य अंतराल को कम करने के लिये एक महत्त्वपूर्ण साधन है।
किसी सरकारी संस्थान की कार्य-संस्कृति को सुधारने में नागरिक घोषणापत्र निम्नलिखित प्रकार से अहम भूमिका निभा सकता है-
निम्नलिखित उपायों को अपनाकरनागरिक घोषणापत्र को प्रभावी बनाया जा सकता है-
निष्कर्षतः नागरिक घोषणापत्र एक सरकारी संस्थान की कार्य संस्कृति में निश्चित तौर पर सकारात्मक बदलाव लाता है और उसे नागरिक केन्द्रित स्वरूप प्रदान करता है किन्तु कुछ अहम बदलावों द्वारा इसे अधिक प्रभावी बनाये जाने की आवश्यकता है।