'कृषि अवसंरचना कोष’ से आप क्या समझाते हैं? कृषि क्षेत्र के आधुनिकीकरण के संदर्भ में कृषि अवसंरचना कोष महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, चर्चा कीजिये।
15 Sep, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था
हल करने का दृष्टिकोण- • भूमिका • कृषि अवसंरचना कोष। • कृषि क्षेत्र के आधुनिकीकरण के संदर्भ में कृषि अवसंरचना कोष कैसे महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। • निष्कर्ष। |
हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा ‘कृषि अवसंरचना कोष’ की स्थापना की घोषणा की गई है। यह फंड फसल कटाई के बाद बुनियादी ढाँचा प्रबंधन एवं सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों हेतु में निवेश के लिये मध्यम एवं दीर्घकालिक ऋण वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करेगी। सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के माध्यम से किसान फसल की कटाई के बाद उसकी सही कीमत मिलने तक उसे सुरक्षित रख सकेंगे।
इस कोष के तहत एक लाख करोड़ रुपए की वित्तपोषण की सुविधा दी गई है। साथ ही ऋण पर ब्याज में 3% की छूट प्रदान की जाएगी और ऋण जारी करने वाली संस्था को 2 करोड़ रुपए तक के ऋण पर बैंक गारंटी सरकार द्वारा दी जाएगी।
योजना के क्रियान्वयन के लिये अगले चार वर्षों के दौरान एक लाख करोड़ रुपए का ऋण प्रदान किया जाएगा।
इसकी अवधि वित्तीय वर्ष 2020 से 2029 (10 वर्ष) तक निर्धारित की गई है। इससे लाभ प्राप्त करने के लिये निम्नलिखित संस्थाएँ/समूह पात्र होंगे- ‘प्राथमिक कृषि साख समितियाँ,विपणन सहकारी समितियाँ,किसान उत्पादक संगठन, स्वयं सहायता समूह संयुक्त देयता समूह,बहुउद्देशीय सहकारी समितियाँ,कृषि उद्यमियों, स्टार्ट-अप, एग्रीगेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स...आदि।
इस योजना के तहत ‘टॉप अप’ प्रणाली के तहत दोहरे लाभ की सुविधा प्राप्त हो सकेगी, अर्थात यदि किसी पात्र व्यक्ति को पहले से ही किसी अन्य योजना के तहत सब्सिडी प्राप्त हो रही हो तब भी वह इस योजना का लाभ प्राप्त कर
सकेगा। इसके तहत 2 करोड़ तक के ऋण पर ‘क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज़’ के द्वारा गारंटी प्रदान की जाएगी साथ ही इस गारंटी के लिये ट्रस्ट का शुल्क केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
कृषि अवसंरचना कोष’ का प्रबंधन और निगरानी ‘प्रबंधन सूचना प्रणाली’के माध्यम से ऑनलाइन की जाएगी।साथ ही यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कई बैंकों द्वारा दी जाने वाली ब्याज दरों में पारदर्शिता, ब्याज अनुदान एवं क्रेडिट गारंटी सहित योजना विवरण, न्यूनतम दस्तावेज़, अनुमोदन की तीव्र प्रक्रिया के साथ-साथ अन्य योजना के लाभ के साथ एकीकरण जैसी सुविधा भी प्रदान करेगा।
अधिकांश योजनाओं की तरह ही इस योजना के क्रियान्वयन और प्रोत्साहन के कार्य को राज्यों द्वारा किया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन को आसान बनाने के लिये एग्री इंफ्रा पोर्टल की शुरुआत की गई है।
प्रबंधन सूचना प्रणाली’ पर एकत्र किये गए आँकड़ों के माध्यम से इस योजना के क्रियान्वयन की निगरानी के साथ यह भी पता चल सकेगा कि निवेशकों द्वारा किस प्रकार की योजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके अलावा सुरक्षित भण्डारण तथा ऋण वितरण में पारदर्शिता भी आएगी।
उपरोक्त प्रयासों के अतिरिक्त सरकार को क्षेत्र विशेष में संसाधनों की उपलब्धता और बाज़ार की मांग के अनुरूप ‘फसल नियोजन’ को बढ़ावा देना चाहिये। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय कृषि बाज़ार तक भारतीय कृषि उत्पादों की पहुँच को सुनिश्चित करने के लिये उत्पादन और प्रबंधन में सुधार के साथ कृषि से जुड़े अंतर्राष्ट्रीय मानकों का पालन तथा इसकी जागरूकता का प्रसार भी बहुत आवश्यक होगा।