हाल ही में 'भारत ने मलेशिया से आयात होने वाले कई उत्पादों में भारी कटौती करने के संकेत दिये हैं।' दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को समझाते हुए इन प्रतिबंधों से मलेशिया पर पड़ने वाले प्रभावों की चर्चा करें।
11 Sep, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंध
हल करने का दृष्टिकोण- • भूमिका • दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय संबंध • इन प्रतिबंधों से दोनों देशों के संबंध किस प्रकार प्रभावित हो सकते हैं? • निष्कर्ष |
हाल ही में मलेशिया ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का पक्ष लेते हुए भारत का विरोध किया था। प्रति-उत्तर में भारत सरकार ने सख़्त संदेश देते हुए मलेशिया से आयात होने वाले कई उत्पादों में भारी कटौती करने के संकेत दिये हैं। इसके तहत भारत ने मलेशिया से आयातित ताड़ (Palm) उत्पादों पर आयात शुल्क/कर को बढ़ाते हुए, वहाँ से आयात होने वाली कई अन्य वस्तुओं पर भी कुछ सीमा तक प्रतिबंध लगाने के संकेत दिये हैं।
दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर नज़र डालें तो हम देखतें हैं कि ऐतिहासिक रूप से भारत और मलेशिया के संबंधों में कोई तनाव नहीं रहा है बल्कि मलेशिया, क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) समूह के उन देशों में शामिल है जिनसे भारत के बहुत अच्छे संबंध रहे हैं। इसके अलावा भारत अपनी “एक्ट ईस्ट नीति के तहत दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से संबंधों को और बेहतर बनाने के लिये प्रयासरत रहा है। भारत और मलेशिया के बीच वार्षिक व्यापार लगभग 16 बिलियन अमेरिकी डालर का है, ताड़ उत्पादन में मलेशिया विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है, विश्व के कुल ताड़ उत्पादन का 85% हिस्सा मात्र दो देशों मलेशिया और इंडोनेशिया से आता है।
भारत और मलेशिया के बीच तनाव का कारण मलेशिया द्वारा लगातार भारत के कई आतंरिक मुद्दों जैसे-अनुच्छेद 370 और नागरिक संशोधन विधेयक आदि का विरोध करना , इसके साथ ही कई वैश्विक मंचो पर भी मलेशिया द्वारा इन मुद्दों को लेकर पाकिस्तान का पक्ष लेते हुए भारत के खिलाफ वक्तव्य देना तथा इस्लामी धर्मोपदेशक जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण मामले में कोई सहयोग नहीं करना रहा है।
भारतीय प्रतिबंधों का प्रभाव:
नए नियमों के तहत मलेशिया से आयात होने वाले परिशोधित तेल को ‘प्रतिबंधित श्रेणी’ में रखा गया है। इसके साथ ही पाम तेल के आयात के लिये आयातकों को ‘विदेश व्यापार महानिदेशालय से अब लाइसेंस लेना पड़ेगा।
पाम तेल के आयात पर भारतीय प्रतिबंधों से मलेशियाई अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। ध्यातव्य है कि मलेशिया के सकल घरेलू उत्पाद का 2.8% भाग पाम तेल पर निर्भर है और देश के कुल निर्यात में पाम उत्पादों की भागीदारी 4.5% है।
वर्ष 2019 में मलेशिया के कुल पाम उत्पाद का 23% भारत को निर्यात किया गया और वित्तीय वर्ष 2019 में इस व्यापार में मलेशिया को लगभग 11 बिलियन अमेरिकी डॉलर का फायदा हुआ था।
भारतीय आयात में कटौती के बाद मलेशिया के पाम तेल बाज़ार में 10% की गिरावट देखी गई थी।
निष्कर्षतः यह कहा जा सकता है कि सरकार के इस निर्णय के वैश्विक स्तर पर भारत के पक्ष को मज़बूती प्रदान करने में मदद मिलेगी परंतु सरकार को राजनीतिक हथियार के रूप में व्यापारिक प्रतिबंधों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिये क्योंकि इससे आर्थिक नुकसान के साथ व्यापारिक समूहों में भारत की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।