हाल ही में भारत सरकार द्वारा ‘विश्व बैंक’ के साथ ‘एमएसएमई आपातकालीन उपाय कार्यक्रम’ संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर किये गए। इस कार्यक्रम के प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश डालें। बताएं कि यह MSME क्षेत्र के कायाकल्प में किस प्रकार महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण-
• भूमिका
• प्रमुख बिंदु
• महत्त्व
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हाल ही में भारत सरकार द्वारा ‘विश्व बैंक’ के साथ ‘एमएसएमई आपातकालीन उपाय कार्यक्रम’ (MSME Emergency Response Programme) के लिये 750 मिलियन डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किये गए हैंI इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य COVID-19 महामारी के चलते बुरी तरह प्रभावित ‘सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों’ में वित्त का प्रवाह बढ़ाने में आवश्यक सहयोग प्रदान करना है।
प्रमुख बिंदु-
- इस कार्यक्रम के माध्यम से लगभग 1.5 मिलियन MSMEs की नकदी एवं ऋण संबंधी तात्कालिक आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा ताकि मौजूदा प्रभावों को कम करने के साथ-साथ लाखों नौकरियों को सुरक्षित किया जा सके।
- विश्व बैंक की ऋण प्रदान करने वाली शाखा ‘अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक' से मिलने वाले 750 मिलियन डॉलर के इस ऋण की परिपक्वता अवधि 19 वर्ष है, जिसमें 5 वर्ष की छूट अवधि भी शामिल है।
- COVID-19 महामारी से MSME क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित है जिसके चलते यह क्षेत्र आजीविका एवं रोज़गार दोनों ही मोर्चों पर व्यापक नुकसान उठा रहा है।
- भारत सरकार का प्रयास यह सुनिश्चित करने पर है कि वित्तीय क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध तरलता का प्रवाह ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों’ की तरफ बना रहे।
- इसके लिये बैंकिंग क्षेत्र जो जोखिम लेने के डर से बच रहा है वह NBFCs को ऋण देकर अर्थव्यवस्था में निरंतर धनराशि का प्रवाह बनाए रखेगा।
कार्यान्वयन : विश्व बैंक समूह अपनी ‘अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम’ शाखा के माध्यम से MSMEs क्षेत्र में तरलता को बनाए रखने के लिये भारत सरकार को निम्नलिखित प्रकार से सहयोग प्रदान करेगा
- तरलता को उन्मुक्त करके
- इसके तहत बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की ओर से MSMEs को दिये जाने वाले ऋणों में अंतर्निहित जोखिम को ऋण गारंटी सहित विभिन्न प्रपत्रों की एक श्रृंखला के माध्यम से समाप्त करने की कोशिश की जाएगी।
- NBFCs तथाऔर MSMEs को मज़बूत करना
- NBFCs तथा ‘स्मॉल फाइनेंस बैंक’ की वित्त पोषण (फंडिंग) क्षमता बढ़ाने से उन्हें MSMEs की तात्कालिक एवं विविध आवश्यकताओं का पूरा करने में मदद मिलेगी।
- इसमें MSMEs के लिये सरकार की पुनर्वित्त सुविधा द्वारा आवश्यक सहयोग देना भी शामिल होगा।
- वित्तीय नवाचारों को मज़बूत करना
- इसके माध्यम से MSMEs को ऋण देने और भुगतान में फिनटेक एवं डिजिटल वित्तीय सेवाओं के उपयोग को प्रोत्साहित कर उन्हें मुख्यधारा में शामिल किया जाना है।
यह कार्यक्रम निम्नप्रकार से इस उद्योग के कायाकल्प में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है-
- MSMEs क्षेत्र भारत के विकास एवं रोज़गार सृजन के महत्त्वपूर्ण केंद्र हैं जो COVID-19 के बाद भारत में आर्थिक विकास की गति को तीव्र करने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
- यह कार्यक्रम लक्षित गारंटी/ऋण प्रदान करने में सरकार को आवश्यक सहयोग देगा, जिसके माध्यम से लाभप्रद MSMEs को उधार देने के लिये NBFCs तथा बैंकों को प्रोत्साहित किया जा सकेगा।
- इससे लाभप्रद MSMEs को मौजूदा आर्थिक संकट का सामना करने में मदद मिलेगी।
निष्कर्षतः यह MSMEs क्षेत्र को समय के साथ आगे बढ़ाने के लिये आवश्यक सुधारों के बीच एक महत्त्वपूर्ण कदम साबित होगा।